नई दिल्ली: प्राइवेट ऑपरेटरों को 100 रेल-रूटों पर 150 प्राइवेट ट्रेनों के परिचालन की इजाजत दिए जाने से 22 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इंडियन रेलवे और नीति आयोग ने इसको लेकर खाका तैयार कर लिया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, निवेश को लेकर 'निजी भागीदारी: यात्री रेलगाड़ियां' शीर्षक से एक डिस्कशन पेपर लाया गया है।
इसमें 100 मार्गों को चिन्हित किया गया है, जिन पर प्राइवेट इकाइयों को 150 गाड़ियों के परिचालन की इजाजत देने से 22,500 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें विदेशी कंपनियां भी निवेश कर सकेंगी। डिस्कशन पेपर में बताया गया है कि प्राइवेट कंपनियों को अपनी गाड़ियों में बाजार के मुताबिक किराया वसूल की छूट होगी। वे इन ट्रेनों में अपनी सुविधा के हिसाब से अलग अलग श्रेणियों की बोगियां लगाने के साथ ही रूट पर उनके ठहराव वाले स्टेशनों का भी चुनाव कर सकेंगे।
इसके साथ ही ट्रेनों के निजीकरण से आधुनिक प्रौद्योगिकी लाने और रख-रखाव की लागत कम करने में सहायता मिलेगी। वहीं मुसाफिरों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलने के साथ ही मांग व आपूर्ति की खाई को कम करने में भी सहायता मिलेगी। फिलहाल भारतीय रेलवे इसपर काम कर रही है।
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