मुंबई: देश के मुंबई में हुए 26/11 हमले के 10 वर्ष पूरे होने के बाद भी आज तक आतंकवादी अजमल कसाब की कुटिल हंसी विष्णु जेंडे के दिल में चुभती है। जानकारी के अनुसार बता दें कि हमले की उस काली रात को छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर मौजूद रेलवे अनाउंसर ने अपनी सूझबूझ से कई लोगों की जान बचाई थी।
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यहां बता दें कि रेलवे उद्घोषक विष्णु जेंडे ने उस खौफनाक रात को याद करते हुए कहा कि मुझे कसाब की वह कुटिल हंसी याद है। राइफल के साथ वह उप-नगरीय प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ता आ रहा था। वहीं जेंडे ने कहा कि कसाब हंसते एवं लोगों को गालियां देते हुए अपनी राइफल से गोलियां चलाता जा रहा था, जेंडे अब मध्य रेलवे में एक गार्ड है। वहीं उन्होने बताया कि उस आतंकी हमले और जिस बर्बरता से वह लोगों को मार रहा था उसे भुला पाना उसके लिए मुमकिन नहीं है।
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गौरतलब है कि इस हमले में कई बेगुनाह लोगों की जाने गई थी। वहीं जेंडे ने कसाब और दूसरे आतंकवादी को उपनगरीय प्लेटफॉर्म की ओर आता देख ही भाप लिया था कि यह एक आतंकवादी हमला है। इसके अलावा उन्होने कहा कि मुझे यात्रियों को आतंकवादी हमले को लेकर सतर्क करना था, मैंने घोषणा कर लोगों को तत्काल स्टेशन खाली करने को कहा। वहीं जेंडे ने कहा कि मैंने यात्रियों से सबसे पीछे बने प्लेटफॉर्म संख्या एक से बाहर जाने को कहा क्योंकि उन्हें लगा कि उस समय वहीं सुरक्षित स्थान होगा। यहां बता दें कि मुंबई में हुए 26/11 हमले में कुल 166 लोग मारे गए थे और 52 लोगों की जान रेलवे स्टेशन पर गई थी। वहीं स्टेशन पर गोलीबारी में करीब 108 लोग घायल हुए थे।
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