सबरीमाला: भगवान अयप्पा के मंदिर में दर्शन के लिए जाते समय कम से कम 260 महिलाओं को इस साल के तीर्थयात्रा सत्र के दौरान रोका गया. प्रतिबंधित 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को जिस पहाड़ी पर मंदिर स्थित है उसके आरंभ बिंदु पांबा में रोक लिया गया. यह जानकारी त्रावनकोर देवास्वोम बोर्ड (TDB) ने दी है. बता दे कि यही बोर्ड तीर्थस्थल की देखरेख करता है.
TDB अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने बताया कि इन महिलाओं में कुछ केरल की, जबकि अन्य पड़ोस के तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश की हैं. पांबा में महिलाओं को पुलिस और देवासम अधिकारियों ने रोका. 41 दिनों तक चलने वाले मंडल पूजा के दौरान रूटीन के तहत उनके पहचान पत्रों की जांच की गई. मंडल पूजा 26 दिसंबर को पूरी हुई.
पुलिस और देवास्वोम अधिकारियों ने नियमित गश्ती के दौरान पंबा में महिलाओं को रोका और उनके पहचान पत्र की जांच की. मंदिर में 10 से 50 वर्ष की लड़कियों और महिलाओं का आना वर्जित है. वही मासिक चक्र आयु वर्ग में आने वाली महिलाओं के सबरीमाला में पूजा करने पर प्रतिबंध है क्योंकि भगवान अयप्पा को नैष्ठिक ब्रह्मचारी माना जाता है. वही मंदिर में महिलाओं पर पाबंदी वाली इस परंपरा को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ के समक्ष लंबित है.
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