इस्लामाबाद: इस्लामी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ अब्दुल रहमान मक्की की मौत पाकिस्तान के लाहौर में हो गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, मक्की की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। मक्की, जो मुंबई के 26/11 हमले के गुनहगार और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद का रिश्तेदार था, अमेरिका द्वारा ग्लोबल आतंकवादी घोषित किया गया था। भारत में वह वांटेड था और लश्कर-ए-तैयबा की टेरर फंडिंग गतिविधियों को संचालित करता था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मक्की को 1267 ISIL और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया था। इस फैसले के बाद उसकी संपत्तियां फ्रीज कर दी गई थीं, यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और हथियार रखने पर रोक लगा दी गई थी। जनवरी 2023 में मक्की को ISIL और अल कायदा से जुड़े होने और लश्कर के माध्यम से आतंकी वित्तपोषण, साजिश रचने, भर्ती करने जैसी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में लिस्टेड किया गया था। मक्की लश्कर की राजनीतिक विंग जमात-उद-दावा का प्रमुख भी था और इसके फॉरेन रिलेशन डिपार्टमेंट का नेतृत्व करता था।
यूएन की जानकारी के मुताबिक, मक्की लश्कर और जमात-उद-दावा में उच्च पदों पर था और भारत में हुए कई बड़े आतंकी हमलों में उसकी भूमिका मानी जाती थी। इनमें 2000 में लाल किले पर हमला, 2008 में रामपुर सीआरपीएफ काफिले पर हमला, 26/11 का मुंबई हमला, 2018 में श्रीनगर के करण नगर कैंप पर हमला, बारामूला में तीन नागरिकों की हत्या और राइजिंग कश्मीर के एडिटर सुजात बुखारी की हत्या शामिल हैं। मक्की लश्कर के आतंकी एजेंडे का अहम हिस्सा था और इन हमलों के पीछे उसकी और हाफिज सईद की साजिश मानी जाती रही है।
पाकिस्तान की सरकार ने मक्की को 15 मई 2019 को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उसे लाहौर में हाउस अरेस्ट में रखा गया। 2020 में एक टेरर फंडिंग केस में पाकिस्तानी कोर्ट ने उसे सजा सुनाई थी। मक्की की मौत के साथ ही एक ऐसे आतंकी का अंत हुआ है, जो भारत में कई हिंसक हमलों और निर्दोष नागरिकों की मौत का जिम्मेदार था।