झाबुआ: मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में 250 व्यक्तियों ने ईसाई धर्म छोड़कर हिन्दू धर्म अपना लिया। झाबुआ के पेटलावद इलाके के गांव बेकल्दा में पंडित कमल किशोर नागर की कथा के पश्चात् से आसपास के गांवों में धर्म जागरण हुआ था। इसका प्रभाव यह हुआ कि 2 दिन पहले जब पंडित नागर गांव गुलरीपाड़ा में श्रीराम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में पहुंचे तो 250 परिवार पुन: हिन्दू धर्म में सम्मिलित हो गए। उनका कहना है कि पिछले वर्षों में किसी वजह से वे ईसाई बन गए थे, मगर अब घर वापसी करना सुखद अनुभूति है। इसी प्रकार रतलाम क्षेत्र के आंबा में 18 मुस्लिमों ने शिवमंदिर में पूजा के बाद सनातन धर्म अपना लिया।
शुक्रवार प्रातः आंबा में भीमनाथ महादेव मंदिर पर पूजा-अर्चना की। स्वामी आनंदगिरी महाराज की उपस्थिति में सभी ने गोमूत्र से स्नान कर जनेऊ धारण की। घर वापसी के पहले सभी ने बिना किसी दबाव के मतांतरण का शपथ पत्र भी तैयार करवाया। तत्पश्चात, हिन्दू पद्धति से सभी प्रकिया पूरी करवाई। मोहम्मद शाह परिवार व रिश्तेदारों समेत हिंदू बने। उन्होंने कहा कि उनकी 3 पीढ़ियां जड़ी-बूटियों के व्यापार से जुड़ी रही हैं। पिछले कई वर्षों से सनातन धर्म के प्रति रुझान बढ़ रहा था। बीते दिनों महाशिवपुराण कथा में स्वामी जी से बातचीत की तो उन्होंने भी सकारात्मक रख दिखाया, तब परिवार समेत मत परिवर्तन का फैसला ले लिया।
वही एक दूसरी घटना में रतलाम के आंबा में तकरीबन दो दर्जन व्यक्तियों ने सनातन धर्म अपनाया है। दीक्षा लेने वाले व्यक्तियों का कहना है कि वो कभी मुस्लिम थे ही नहीं। वे घुमक्कड़ प्रजाति के लोग हैं, जो मांग कर खाते थे। वहीं दीक्षा दिलाने में सम्मिलित एक महाराज का कहना है कि ये सभी शिवपुराण सुनने के लिए आए थे। यहां आकर उनका हिन्दू धर्म जागा तथा उन्होंने कहा कि वे उसी धर्म में वापसी करना चाहते हैं जिसमें उनके पूर्वज थे। यहां सारे समाज के सामने इन्होंने हिन्दू धर्म को कबूल किया है।
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