संयुक्त राष्ट्र की एक खास रिपोर्ट के अनुसार कई खूंखार आतंकी संगठनों का नेतृत्व पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक इनका नामों को अभी तक काली लिस्ट में नहीं डाला गया है. बता दें कि भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआइएस), लेवेंट-खुरासान (आइएसआइएल-के)और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और इस्लामिक स्टेट इन इराक जैसे भयानक आतंकी दलों का संचालन पाक के हाथ में है.
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आइएसआइएस, अलकायदा और उससे जुड़े लोगों और संस्थाओं से जुड़ी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सामने आई है. जिसमें इन दलों की विश्लेषणात्मक सहायता और प्रतिबंधों की निगरानी टीम की 26वीं रिपोर्ट में इन पाकिस्तानी आतंकियों के बारे में चर्चा की गई है. रिपोर्ट में बताया गया है, कि अफगानिस्तान के जवानों ने देशव्यापी अभियान चलाकर आइएसआइएल-के प्रमुख असलम फारुकी, उसके पूर्ववर्ती जिया उल हक और अन्य को हिरासत में लिया गया था.
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विदित हो कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा रहने वाला फारुकी काबुल गुरुद्वारे आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था. इस भयानक हमले में पच्चीस सिख श्रद्धालु मारे गए थे, किन्तु संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति ने उसका नाम अभी तक काली लिस्ट में नहीं डाला है. इसी तरह हक भी एक पाकिस्तानी नागरिक है, और उसका नाम भी काली सूची में नहीं है. वही, एक्यूआइएस के वर्तमान आका का नाम काली लिस्ट में नहीं है. साथ ही, भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआइएस) तालिबान के तहत अफगानिस्तान के निमरूज, हेलमंद और कंधार प्रदेश से कार्य करता है, और इसका वर्तमान आका पाक में जन्मा ओसामा महमूद है. महमूद को भी सुरक्षा परिषद प्रतिबंधों के तहत काली लिस्ट में नहीं डाला गया है. महमूद ने असिम उमर का स्थान प्राप्त किया है.
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