तीन साल मे सांप्रदायिक संघर्ष में 278 लोग मारे गए
तीन साल मे  सांप्रदायिक संघर्ष में 278 लोग मारे गए
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नई दिल्ली : साम्प्रदायिकता की आग ऐसी होती है, जिसमें जान -माल दोनों का नुकसान होता है.बेकसूर लोगों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है.पिछले तीन सालों में देश के विभिन्न हिस्सों में हुए सांप्रदायिक संघर्षों में 278 लोगों की मौत हुई . यह जानकारी बुधवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने दी.

इस बारे में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने सदन को बताया कि सांप्रदायिक संघर्ष में सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश (77) में हुईं हैं.यूपी में सांप्रदायिक संघर्ष की 450 घटनाएं हुईं .जबकि महाराष्ट्र में 270 ऐसी घटनाओं में 32 लोग मारे गए.जबकि 2014 से 2016 की अवधि में बिहार में सांप्रदायिक संघर्ष की 197 घटनाओं में 29 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.

बता दें कि अन्य राज्यों में कर्नाटक में ऐसी 279 घटनाओं में 26 लोग मारे गए. जबकि राजस्थान में 200 और गुजरात में 182 सांप्रदायिक संघर्ष की घटनाएं हुईं. इनमें क्रमशः 24 और 21 लोगों की मौत हो गई. ध्यान देने वाली बात यह है कि साम्प्रदायिक घटनाओं में अफवाहों की अहम भूमिका रहती है. अवास्तविक खबरों को सुनकर दोनों वर्ग के लोग आक्रोश में आकर हिंसक वारदातों को अंजाम देने लग जाते हैं.

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