आप सभी को बता दें कि साल की आखिरी कालाष्टमी इस बार 29 दिसंबर 2018 को मनाई जाने वाली है. ऐसे में कालाष्टमी हर महीने कृष्ण पक्ष के अष्टमी को मनाई जाती है और ऐसा माना जाता है कि पौष कृष्म अष्टमी को पड़ने वाली कालाष्टमी का विशेष महत्व होता है. कहते हैं अगर किसी की कुंडली में शनि और राहु अशुभ फल दे रहे होते है तो काल भैरव को प्रसन्न कर अशुभ फल से मुक्ति मिल जाती है. ऐसे में इस बार 29 दिसंबर को कालाष्टमी मनाई जाने वाली है और उस दिन पूजा कर सभी लोग शुभ फल पा सकते हैं. ऐसे में कालाष्टमी के दिन सुबह नित्य कर्म से निवृत्त हो जाए और फिर भैरव मंदिर में जाएं. इसके बाद वहां जाकर भैरव का दूध से अभिषेक करें क्योंकि ऐसा करने से वेवह अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं.
इसी के साथ मंदिर में भैरव जी की मूर्ति के आगे तेल का दीपक जलाएं और इसके बाद उन्हें इमरती और मदिरा का भोग लगाएं. कहते हैं ऐसा भोग लगाने से भी वह बहुत खुश हो जाते हैं और मनचाहा वरदान दे देते हैं. वहीं कहा जाता है अगर आप कोई मन्नत रखते है और उसे पूरा करने के लिए आप काल भैरव मंदिर में जाकर उड़द और सिद्ध एकाक्षी श्रीफल चढ़ा सकते हैं. अगर आप भैरव बाबा के सामने मन्नत मांग कर यह सब चढ़ा देंगे तो आपकी सभी मनोकामना पूरी हो जाएगी. इसी के साथ आप सभी को बता दें कि कालाष्टमी इस महीने शनिवार को पड़ रही है इस वजह से भैरव मंदिर में गुलाब, चंदन और गुगल की खुशबूदार धूप जरूर जलानी चाहिए क्योंकि इससे सब कुछ आसान हो सकता है. वहीं आप हर महीने की भैरव अष्टमी पर भी यह उपाय कर सकते हैं.
ऐसे में कहा जाता है अगर आप अपनी कोई भी मनोकामना पूर्ति चाहते हैं तो इसके लिए विधिपूर्वक भैरवनाथ को चढ़ावा चढ़ाएं, जिसमे आप रोली, सिन्दूर, रक्तचन्दन का चूर्ण, लाल फूल, गुड़, उड़द का बड़ा, धान का लावा, ईख का रस, तिल का तेल, लोहबान, लाल वस्त्र, भुना केला, सरसों का तेल चढ़ा सकते हैं.
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