उज्जैन। शहर की केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में करोड़ों के घोटाले का मामला सामने आया है। इसके चलते आरोपी पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज का बैंक लॉकर खुलवा कर गुरुवार रात तक लॉकर की सर्चिंग की गयी। सर्चिंग के दौरान पुलिस को उषा राज के बैंक लॉकर से लगभग तीन किलो सोना, डायमंड ज्वेलरी, एफडी और प्रॉपर्टी संबंधी कई अन्य दस्तावेज भी मिले हैं। एसआईटी में अभियोजन अधिकारियों को भी शामिल कर लिया गया है।
उपसंचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास, एडीपीओ नीतेश कृष्णन और उमेशसिंह सेंगर को भी एसआईटी में शामिल किया गया है। एसपी सचिन शर्मा के निर्देश के बाद केस डायरी तैयार करने में अभियोजन पक्ष मजबूत रहे व कोई कमी न रह जाए, इसलिए अब एसआईटी में अभियोजन अधिकारी भी हर पहलू को विधि अनुसार कागजी प्रक्रिया से मजबूत कराएंगे।
पुलिस को पूछताछ के दौरान अब तक उषा राज ने कुछ खास जानकारी नहीं दी है। इस मामले में पे-बिल सहित कई तरह की गड़बड़ी सामने आई। इस दौरान कोर्ट ने पुलिस को उषा राज के लॉकर खोलने की अनुमति दे दी। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद भी पुलिस ने कई घंटे तक बैंक में मशक्कत की तब जाकर सेठी नगर की बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर को खुलवाया जा सका। पुलिस शुक्रवार को लॉकर में मिले ज्वेलरी दस्तावेज का खुलासा कर सकती है। उषा राज की 8 अप्रैल को रिमांड खत्म होने जा रही है।
बताया गया है की केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के 100 कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में घपला हुआ है। जेल अकाउंटेंट द्वारा अपने दो जेल प्रहरी साथियों के साथ पिछले 5 साल से जेल कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट से 15 करोड़ रुपए निकाल लिए गए। खास बात ये है कि न तो पीड़ितों ने पीएफ निकालने के लिए आवेदन किया, न ही दस्तखत किए, फिर भी उनके पीएफ अकाउंट से पैसे निकल गए। ट्रेजरी के अफसर ने इस गड़बड़ को पकड़ा, जिसके बाद से मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस अभी इस जांच में जुटी हुई है।
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