बैंगलोर: कर्नाटक भाजपा के कई नेताओं ने आज शुक्रवार (8 सितंबर) को कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर अपने मूल वोट आधार को 'तुष्ट' करने के लिए करदाताओं के पैसे से 'धर्म लक्षित योजना' का वित्तपोषण करने का आरोप लगाया। भाजपा नेताओं ने कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम की योजनाओं का जिक्र करते हुए सरकार पर सवाल उठाए और इसे 'बहुसंख्यकों का अपमान' करार दिया। दरअसल, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने अल्पसंख्यक निगम के माध्यम से विदेश में पढ़ने वाले छात्रों के लिए ऋण, कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण के माध्यम से चयनित छात्रों के लिए अरिवु ऋण योजना और वाहन खरीदने के लिए 3 लाख रुपये तक की सब्सिडी जैसी विभिन्न योजनाओं की पेशकश की थी।
If shamelessness had a name, it would have been definitely called as CONgress !
— C T Ravi ???????? ಸಿ ಟಿ ರವಿ (@CTRavi_BJP) September 8, 2023
The Tippu Sultan government in Karnataka continues its Appeasement Politics by showering largesse on its core voter base.
This is a huge insult to the majority who voted for the Communal CONgress by… pic.twitter.com/zlfJC4OlIk
इस वाहन सब्सिडी योजना के पर्चे उठाते हुए, बेंगलुरु दक्षिण के भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कांग्रेस सरकार पर अपनी 'मुफ्त वस्तुओं' के लिए करों में वृद्धि करने का आरोप लगाया है। भाजपा नेता सीटी रवि ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर राज्य सरकार को 'टीपू सुल्तान सरकार' कहा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "अगर बेशर्मी का कोई नाम होता, तो उसे निश्चित रूप से कांग्रेस कहा जाता! कर्नाटक में टीपू सुल्तान सरकार अपने मूल मतदाता आधार पर उदारता दिखाकर अपनी तुष्टीकरण की राजनीति जारी रखती है। यह उस बहुसंख्यक वर्ग का बहुत बड़ा अपमान है, जिन्होंने सांप्रदायिक कांग्रेस के झूठ और गारंटी में फंसकर उसे वोट दिया।'
Congress, to fund its freebies,
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) September 8, 2023
1. Is increasing guidance value by 30%,
2. Has doubled electricity charges,
3. Hiked excise duty, milk prices, road tax & also plans to extract 5% cess.
Now, Karnataka's middle class will fund a 'religion targeted scheme', specifically designed… pic.twitter.com/LjOM9jaUrm
कर्नाटक अल्पसंख्यक निगम लिमिटेड की वेबसाइट के अनुसार, 'स्वावलंबी सारथी योजना' का लक्ष्य अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति व्यक्ति को 3 लाख रुपये तक की रियायती दर पर टैक्सी, ऑटो रिक्शा और माल वाहन उपलब्ध कराना है। सरकार ने राष्ट्रीयकृत और अनुसूचित बैंकों के सहयोग से यह योजना शुरू की है। हालाँकि, नियम कहता है कि सब्सिडी की रकम लागत के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। सरकार ने योजना के लिए कुछ शर्तें भी लगाई हैं, जैसे, योजना का लाभ उठाने वाले लोगों की वार्षिक आय 4.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए और परिवार के सदस्यों को राज्य और केंद्र सरकार का कर्मचारी होना चाहिए।
बता दें कि, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की यह योजना सभी अल्पसंख्यकों के लिए है, लेकिन बहुसंख्यक हिन्दुओं के लिए नहीं। कर्नाटक सरकार का एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, कर्नाटक के कुल अल्पसंख्यकों में 82 फीसद आबादी मुस्लिमों की है, उसके बाद ईसाईयों का नंबर आता है, जिनकी जनसँख्या 12 फीसद है। फिर 4.60 फीसद जैन हैं, इसके बाद सिख, बौद्ध, पारसी हैं, लेकिन उन तीनों की कुल आबादी 1.5 फीसद भी नहीं है। ऐसे में इन योजनाओं का सर्वाधिक लाभ मुस्लिम समुदाय को ही मिलेगा, भाजपा ने इसी पर सवाल उठाया है और सरकार को टीपू सुल्तान सरकार करार दिया है।
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