3 नाबालिग हिन्दू लड़कियों का अपहरण, इस्लाम में धर्मांतरण और जबरन निकाह..! एक की भी 'जाति' का पता नहीं
3 नाबालिग हिन्दू लड़कियों का अपहरण, इस्लाम में धर्मांतरण और जबरन निकाह..! एक की भी 'जाति' का पता नहीं
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इस्लामाबाद: 13 जून को पाकिस्तान के कराची क्षेत्र से एक नाबालिग हिंदू लड़की का अपहरण कर उसे जबरन मुस्लिम युवक से निकाह कराने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 16 वर्षीय पीड़िता को पाकिस्तान के शाहदाबकोट कस्बे के गुल हसन के बेटे समीर अली नामक मुस्लिम ने अगवा किया और जबरन उसका धर्म परिवर्तन करा दिया। अल्पसंख्यकों के खिलाफ धार्मिक उत्पीड़न के मामलों को उजागर करने के लिए जाने जाने वाले पाकिस्तानी ईसाई कार्यकर्ता फ़राज़ परवेज द्वारा सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किए गए दस्तावेज़ों के अनुसार, लड़की संगीता को जबरन इस्लाम में धर्मांतरित किया गया और अपहरणकर्ता मुस्लिम युवक से उसका बलपूर्वक निकाह करा दिया गया। इसके अलावा, धर्म परिवर्तन के बाद हिंदू लड़की को नया नाम हमीदा दिया गया। हालाँकि वह 15 साल की है, लेकिन आरोपी मुस्लिम ने उसके दस्तावेज़ों में जालसाज़ी करके उसे 19 साल का दिखाया। 

जबरन शादी से पहले पेश किए गए हलफ़नामे में आरोपी ने उल्लेख किया कि लड़की वयस्क थी और वह उससे शादी करने के लिए स्वतंत्र थी। परवेज के अनुसार, आरोपी ने लड़की से जबरदस्ती एक हलफनामे पर हस्ताक्षर करवाए, जिसमें लिखा था कि वह 19 साल की है, एक वयस्क है, और वह अपनी मर्जी का सम्मान करते हुए प्यार से समीर अली से शादी कर रही है। हलफनामे में आगे लिखा है कि, "मुझे इस शादी को करने के लिए किसी ने अगवा नहीं किया है और मैं बिना किसी दबाव या अनुचित प्रभाव के अपने पूरे होश में यह हलफनामा दे रही हूं कि मैं बिना किसी दबाव के अपने निजी फैसले से समीर अली के साथ अपनी शादी करने जा रही हूं।" 

 

हलफनामे में यह भी कहा गया है कि अगर कोई आरोपी (समीर अली) के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराता है, तो यह झूठी होगी क्योंकि पीड़िता उससे 'अपनी मर्जी से' शादी कर रही थी। उल्लेखनीय है कि, हाल ही में सिंध में एक और 14 वर्षीय लड़की का अपहरण कर उसे इस्लाम में धर्मांतरित कर दिया गया था।  यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में एक हिंदू लड़की को मुस्लिम द्वारा अगवा किया गया हो और उसे जबरन इस्लाम में धर्मांतरित करने के लिए मजबूर किया गया हो। हाल ही में, 2 जून को, पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक 14 वर्षीय हिंदू लड़की का अपहरण कर लिया गया, उसे जबरन इस्लाम में धर्मांतरित कर दिया गया और एक मुस्लिम व्यक्ति से उसकी शादी कर दी गई थी।

सोहाना कुमारी नाम की हिंदू लड़की को उसके शिक्षक और उसके साथियों ने उसकी मां के सामने दक्षिणी सिंध प्रांत के बेनजीराबाद जिले में उसके घर से बंदूक की नोक पर अगवा कर लिया। उसके पिता दिलीप कुमार ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका अपहरण किया गया है। बाद में, लड़की एक वीडियो में दिखाई दी, जिसमें वह दबाव में दिख रही थी और दावा कर रही थी कि उसने इस्लाम धर्म अपना लिया है और एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर ली है। हालांकि, उसके माता-पिता ने कहा कि वह नाबालिग है। सोशल मीडिया पर काफी आक्रोश के बाद पुलिस ने अपहरण के पांच दिन बाद जिले के एक घर से लड़की को बरामद किया। सोहाना को पिछले हफ्ते लरकाना की जिला अदालत में लाया गया, जहां उसने जज को बताया कि उसका अपहरण कर लिया गया था और उसे जबरन इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया है और वह अपने माता-पिता के साथ जाना चाहती है।

लेकिन,12 जून को अदालत ने लड़की को उसके माता-पिता के साथ भेजने से इनकार कर दिया था। इस साल अप्रैल में, पाकिस्तान के डेरा मुराद जमाली शहर में मुस्लिमों द्वारा अपहृत प्रिया कुमारी नामक एक और हिंदू लड़की को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। माना जाता है कि लड़की अभी भी बंधक है। रिपोर्टों के अनुसार, 2 अप्रैल को डेरा मुराद जमाली में हिंदू समुदाय के सदस्य और व्यापारी हिंदू लड़की के हाल ही में हुए अपहरण की निंदा करने के लिए सड़कों पर उतर आए थे। उन्होंने उसकी बरामदगी के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की थी।

इस मामले ने वाशिंगटन स्थित मानवाधिकार संस्था सिंधी फाउंडेशन के साथ बड़े पैमाने पर तूल पकड़ लिया है, जो पाकिस्तान में सिंधियों के मानवाधिकारों पर ध्यान केंद्रित करती है, और आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करती है। रिपोर्टों के अनुसार, फाउंडेशन ने 14 जून को प्रिया कुमारी के अपहरण की याद में लंदन की सड़कों पर एक लंबा मार्च आयोजित करने की योजना बनाई है। बयान में कहा गया है, "तीन साल पहले पाकिस्तान में जबरन अगवा की गई एक युवा लड़की प्रिया कुमारी के जबरन गायब होने की याद में यह लंबा मार्च आयोजित किया गया है।" हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, पाकिस्तान में इस तरह की दरिंदगी का शिकार होने वाली बच्चियों की कोई जाति नहीं होती, उन्हें केवल इसलिए निशाना बनाया जाता है क्योंकि, वे हिन्दू हैं, यही हाल पड़ोसी मुल्क में रह रहे सिख, ईसाई जैसे अन्य अल्पसंख्यक समुदाय का भी है। 

हालाँकि, अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट देखने को नहीं मिली है की, पाकिस्तान में हिन्दुओं की किस जाति पर ज्यादा जुल्म होता है, क्या जोगेंद्रनाथ मंडल के पीछे पाकिस्तान जाने वाले दलित बच जाते हैं, या आदिवासी छोड़ दिए जाते हैं ? क्या ब्राह्मणों पर कम जुल्म होता है, या फिर क्षत्रिय और सिख सुरक्षित हैं ? वैसे इस पर एक रिपोर्ट बननी चाहिए, क्योंकि भारत में लोगों को जाति में अधिक दिलचस्पी है, फिर वो उसी हिसाब से आवाज़ उठाएंगे कि किस जाति पर अधिक अत्याचार हो रहा है और सब के साथ समान जुल्म करने की मांग करेंगे। बात ऐसी भी नहीं है कि, ये दूसरे देश की बात है, 70 साल पहले तक वे सभी लोग इसी देश के थे 

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