वाशिंगटन: पूरी दुनिया के 30 से अधिक सिविल सोसाइटी संगठनों ने गुरुवार को एक संयुक्त प्रस्ताव पास किया, जिसमें अमेरिकी विदेश विभाग से भारत को धार्मिक मामलों में ‘विशेष चिंता वाले देश’ (कंट्री ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न- CPC) के वर्ग में डालने का आग्रह किया गया है। इसके साथ ही भारत में गैर-हिंदुओं के साथ धार्मिक पक्षपात और उनके खुलेआम उत्पीड़न को बढ़ावा देने वालों पर बैन लगाने की मांग भी की गई है।
बताया गया है कि यह प्रस्ताव अमेरिका में पहली बार हुई अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता समिट के दौरान पेश किया गया। इसमें शामिल हुए विभिन्न धर्म के नेताओं ने भारत सरकार की आलोचना से बचने के लिए बाइडेन प्रशासन पर हमला बोला। बता दें कि किसी भी देश को विशेष चिंता वाले देश का दर्जा केवल अमेरिकी विदेश मंत्री की ओर से दिया जा सकता है, वह भी केवल तब जब उस देश में धार्मिक स्वतंत्रता उल्लंघन के गंभीर मामले सामने आएं।
यदि अमेरिकी विदेश मंत्री किसी देश को धार्मिक मामलों में विशेष चिंता वाला देश घोषित करते हैं, तो इस बारे में अमेरिकी संसद को भी जानकारी दी जाती है। इसके बाद अमेरिकी सांसद आर्थिक और गैर-आर्थिक प्रतिबंधों के माध्यम से ऐसे देशों पर धार्मिक स्वतंत्रता बनाए रखने का दबाव डालते हैं।
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