लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक शहर कानपुर से 50 किलोमीटर दूर स्थित है घाटमपुर का परास गांव. यह गांव कानपुर की सबसे बड़ी ग्रामसभा भी है. अकेले इस गांव की जनसंख्या 10 हजार के लगभग है. कोरोना की वजह से पूरे गांव में सन्नाटा पसरा है. हर कोई दहशत में है. दरअसल, गांव में बीते 15 दिन में ही लगभग 30 लोगों की मौत हो गई है.
किसी को 2 दिन पहले बुखार आया, अचानक से सेहत बिगड़ी, सांस उखड़ने लगी, जब तक अस्पताल ले जाते उनकी मौत हो गई, वहीं कई तो ऐसे थे जो दिन भर अस्पताल के बाहर डॉक्टर साहब से दवा लेने की प्रतीक्षा में ही बैठे रहे और शाम को दम तोड़ दिया. उन्हीं में से एक राकेश सविता भी थे. राकेश सविता की मौत भी अचानक से आए बुखार और फिर उपचार न मिलने के कारण हो गई. राकेश के भतीजे तो सरकारी अस्पतालों की बदहाली को ही बयां कर चाचा की मौत का जिम्मेदार बताते हैं.
इसी परास गांव की एक गली के घरों में तो एक साथ 8 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. यह तो पुष्टि टेस्टिंग के बाद हुई कि गांव में अभी 14 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं, किन्तु अधिकतर घरों में लोग बीमार हैं. बुखार-खांसी के साथ अचानक सांस उखड़ना आम बात है. एक घर के दो सगे भाइयों सत्येंद्र गुप्ता और राजकुमार गुप्ता की जान चली गई. सत्येंद्र की पत्नी कहती हैं कि शाम से ही उनके पति की सांस उखड़ रही थी, जब तक अस्पताल ले जाते पति ने दम तोड़ दिया था.
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