आंध्र प्रदेश के तिरुपति में श्रीकालाहस्ती मंदिर में 30 रूसी श्रद्धालु 4 फरवरी को यानि रविवार को पवित्र राहु केतु पूजा में सम्मिलित हुए। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में मंदिर के आध्यात्मिक अनुष्ठान में डूबे रूसी श्रद्धालुओं को दिखाया गया है। ये सभी श्रद्धालु राहु केतु की पूजा करते हुए नजर आ रहे हैं। यह पूजा राहु और केतु के हानिकारक प्रभावों से छुटकारा पाने के लिए की जाती है। तिरुपति के श्रीकालाहस्ती मंदिर में पूरी दुनिया से लोग राहु-केतु की शांति करवाने आते हैं। यहा उपस्थित शिवलिंग को वायु तत्त्व लिंग माना जाता है, इसलिए पुजारी भी इसका स्पर्श नहीं करते।
बता दें कि भारतीय परंपराओं में इस पूजा का एक विशेष महत्व है। मगर 4 जनवरी को तिरुपति के श्रीकालाहस्ती मंदिर में यह अनोखा दृश्य दिखा। इस मंदिर में एक साथ 30 रूसी पर्यटक राहु-केतु की पूजा कराते दिखाई दिए। इन सभी ने पूरे विधि विधान से ईश्वर का भोग लगाया तथा उनके आगे नतमस्तक दिखाई दिए। इस के चलते उनके साथ पंड़ित भी उपस्थित थे।
क्यों की जाती है पूजा
राहु-केतु को वैदिक ज्योतिष शास्त्र में छाया ग्रह माना गया है। भारत में ऐसी मान्यता है कि यदि कुंडली में इन दोनों ग्रहों की स्थिति ठीक नहीं है, तो जीवन में बहुत उथल-पुथल हो सकता है। यह दोनों ग्रह राजा को रंक भी बना सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन ग्रहों के असर से मनुष्य गलत फैसले करने लगता है तथा उसके परिवार पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इन ग्रहों के बुरे प्रभाव से बचने के लिए ये पूजा करवाई जाती है।
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