नई दिल्ली: भारत ने अपने रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए 300 नाग एंटी-टैंक मिसाइलें बनाई गई हैं, यह मिसाइलें प्रधानमंत्री मोदी के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत बनाई गई हैं. ये मिसाइलें ज़मीन से हमला करने वाली एंटी टैंक मिसाइल की ही प्रतिरूप है. इनके भारतीय सेना में शामिल होने के बाद भारतीय सेना का बख्तरबंद टैंकों से मुकाबला करने की क्षमता में बढ़ोतरी होगी.
भारतीय सेना को इस तरह की मिसाइलों का बहुत पहले से इंतज़ार था, पाकिस्तान के टैंकों और बंकरों को निशाना बनाने के लिए यह बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं. भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन इस तकनीक पर काम करने के लिए 1980 से योजना बनाकर बैठा था, लेकिन कुछ कारणों से ये लंबित पड़ा हुआ था. जिसके बाद पीएम मोदी की मेक इन इंडिया योजना के तहत इसे क्रियान्वित किया गया.
सूत्रों के मुताबिक पांच सौ करोड़ लागत की 300 नाग मिसाइलों और 25 नाग मिसाइल कैरियर्स (NAMICA) व्हीकल को भारतीय सेना में शामिल करने के लिए अधिग्रहण करने के प्रस्ताव पर रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में विचार विमर्श किया जाएगा, जिसके बाद इन्हे भारतीय सेना में शामिल करने का आदेश पारित किया जाएगा. आपको बता दें कि नाग मिसाइलों को NAMICA से लॉन्च किया जाता है. NAMICA व्हीकल से एक समय में छह मिसाइलों को ले जाया जा सकता है. ये नाग मिसाइलें सात से आठ किलोमीटर की दूरी पर दुश्मन के टैंक और इनफ्रैंट्री कॉम्बैट व्हीकल को तबाह कर सकती हैं.
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