पेरिस: कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन लगाने का अभियान दुनिया भर में तेज होने के बीच लोग यह मान सकते हैं कि स्वास्थ्यकर्मियों में वैक्सीन की डोज़ लेने के प्रति हिचक नहीं होगी, किन्तु लोगों को यह जानकर हैरानी होगी कि स्वास्थ्यकर्मियों ने वैक्सीन को अनिवार्य किए जाने का विरोध किया है। फ्रांस में कम से कम तीन हजार स्वास्थ्यकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है, क्योंकि उन्होंने वैक्सीन नहीं ली हैं।
इसी तरह यूनान में स्वास्थ्यकर्मियों ने टीकाकरण को अनिवार्य किए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया है। इनके अतिरिक्त कनाडा और न्यूयॉर्क प्रांत में भी इसी तरह के मामले सामने आए हैं। ऑस्ट्रेलिया में स्वास्थ्यकर्मी मेलबर्न और पर्थ में विरोध प्रदर्शनों में पहुंचे थे। कुछ स्वास्थ्यकर्मियों ने अनिवार्य टीकाकरण को अट्रेलियाई राज्य न्यू साउथ वेल्स (NSW) की कोर्ट में चुनौती भी दी है। NSW और विक्टोरिया में 90 फीसद से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लग चुकी है। किन्तु अस्पतालों और अन्य केन्द्रों में कार्यरत कुछ फीसद लोगों में टीके को लेकर हिचक है या वे अपने लिए वैक्सीन खुद चुनना चाहते हैं।
NSW के स्वास्थ्य आंकडे़ बताते हैं कि वर्तमान में लगभग सात फीसद अर्थात 7,350 कर्मचारियों ने टीकाकरण नहीं कराया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्यकर्मियों में टीकाकरण कराने के प्रति हिचक के 4.3 से 72 फीसद केस हैं।
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