नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर हाल में एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया था कि मदद के तौर पर विभिन्न संस्थानों से मिले 3000 ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर कस्टम क्लीयरेंस की वजह से फँसे हुए हैं। कथित तौर पर मैक्स अस्पताल के वकील कृष्णन वेणुगोपाल ने भी दिल्ली उच्च न्यायालय को जानकारी देते हुए बताया है कि 3000 ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर कस्टम द्वारा रोक लिए गए हैं। NDTV ने भी इस न्यूज़ को अपनी वेबसाइट पर डाला था।
हालाँकि, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes and Customs) ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए स्पष्ट किया है कि 3,000 ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर पर कस्टम क्लीयरेंस न मिलने की खबर, फर्जी है। CBIC ने बताया ऐसी कोई खेप सीमा शुल्क अधिकारियों के पास लंबित नहीं है। CBIC ने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर इस प्रकार की खबरों के आने के बाद, विभाग ने फील्ड फॉर्मेशन के साथ जाँच की और कन्फर्म किया कि ऐसी कोई खेप कस्टम्स के पास लंबित नहीं पड़ी है।
With reference to news item, consignment shown in image was found to be import of 842 packets from Hong Kong by Indigo flight on 30.04.2021 which includes 300 oxygen concentrators & cleared by @Delhicustoms within hours. Any other pending COVID19 supplies may be brought to notice https://t.co/xv4hRne1gi
— CBIC (@cbic_india) May 3, 2021
बोर्ड ने यह भी कहा कि जो फोटो सोशल मीडिया पर साझा की जा रही है, यदि किसी को जानकारी है कि ये कहाँ है, तो इसके बारे में सूचना दी जाए, बोर्ड इस पर कार्रवाई करेगा। CBIC की अपील है कि यदि किसी की जानकारी में ऐसे ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर हैं जो कस्टम में फँसे हैं तो वो उन्हें इस बारे में जानकारी दें।
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