मौजूदा समय में किसी भी व्यक्ति के डाक्यूमेंट्स से किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा अवैध कामों को अंजाम दिया जाता है. कभी किसी व्यक्ति का फर्जी आधार कार्ड दिखाकर किसी शख्स द्वारा सिम कार्ड खरीदकर उसका दुरूपयोग किया जाता हैं, तो कभी जिस शख्स का आईडी किसी अन्य शख्स द्वारा उपयोग किया जाता है, तब ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. हाल ही में उत्तर प्रदेश से आधार कार्ड और सिम कार्ड सम्बन्धी एक ताजा मामला सामने आया है, जिसमे कुछ बदमाशों द्वारा करीब 3000 लोगों को उन्होंने अपने चंगुल में फंसाया है.
पहले जहां बैंक खाते से खाताधारक के पैसे उड़ाए जाते थे. वहीं, अब कुछ लोग सिम कार्ड और आधार कार्ड की सहायता से लोगों का पैसा उड़ा रहे है. उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया हैं, जो इस तरह की घटनाओं को तेजी से अंजाम दे रहा था. पुलिस के मुताबिक, एक गिरोह नया सिम बेचने के बहाने लोगों का आधार कार्ड नंबर और फिंगर प्रिंट लेकर उनकी रकम पर डाका डाल रहा था. पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया हैं, और उनके पास से पुलिस को 22 मोबाइल और 1500 सिम कार्ड मिले हैं.
पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि गत 1 वर्ष में उन्होंने करीब 3000 लोगों को अपने चंगुल में फंसाया है. आरोपी की पहचान मंसार खान और नफीस आलम के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया वे कानपुर में मोहल्ले में जाकर सिमकार्ड बेचा करते थे. इस दौरान वे लोगों से आधार नंबर और फिंगर प्रिंट लेकर ले लेते थे. फिर इसकी सहायता से ये दूसरा सिम लेते थे. ये ग्राहक का अकाउंट पता कर इन्हीं कागजात के जरिए उस अकाउंट का पेटीएम बनवा लेते थे. इसके सहारे ये फिर अलग-अलग शहरों से खरीदारी कर पैसा कमाते थे. आरोपियों ने बताया है कि उनके साथ आधा दर्जन से ज्यादा बदमाश और इस काम में सम्मिलित है. वे सब फ़िलहाल पुलिस की पहुंच से दूर है.
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