नई दिल्ली: देश की राजधानी और उत्तर-पश्चिम भारत के आसपास के इलाकों में 29 अगस्त से बारिश होने की संभावना है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, ऐसा इसलिए होगा क्योंकि मॉनसून के कम दबाव के क्षेत्र के हिमालय की तलहटी से मैदानी इलाकों की तरफ बढ़ने की संभावना है. वहीं ओडिशा में इस साल मानसून के मौसम में कम बारिश दर्ज की गई है. इस साल मानसून में इस साल 31 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. राज्य में मौसम की बारिश 611.11 मिलीमीटर हुई है.
बता दें कि सूबे में मॉनसून के सीजन में औसतन बारिश 881.9 मिलीमीटर होती है. भुवनेश्वर में मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने बताया कि इस साल बारिश में 31 फीसदी की कमी दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि यह स्थिति काफी खराब है. दास के अनुसार, इस साल सात जिलों- जाजपुर (56 फीसदी), भद्रक (49 फीसदी), बोलांगीर (45 फीसदी), झारसुगुड़ा (40 फीसदी), कालाहांडी (40 फीसदी), अंगुल (40 फीसदी) , अंगुल (40 फीसदी) बारिश कम दर्ज की गई.
दास ने बताया कि इस साल ओडिशा में बारिश की कमी के कारण नकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुवीय (IOD) चरण है, जिसने कम दबाव की घटनाओं की तादाद को कम कर दिया था. IMD ने कहा था कि देश की राजधानी और उत्तर-पश्चिम भारत के आसपास के क्षेत्रों में 29 अगस्त से बारिश होने की संभावना है. IMD के मुताबिक, ऐसा इसलिए होगा क्योंकि मॉनसून के कम दबाव के क्षेत्र के हिमालय की तलहटी से मैदानी इलाकों की तरफ बढ़ने की उम्मीद है.
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