नोट-बदली के बत्तीस लाभों की सूची और वे कब मिलेंगे ?

नोट-बदली के बत्तीस लाभों की सूची और वे कब मिलेंगे ?
Share:

सबसे पहले तो स्पष्ट कर लें कि सरकार ने बड़े नोटों को बदलने का जो काम किया है उसे मीडिया में "नोट-बंदी" का गलत नाम दे दिया गया है (जैसा कि वरिष्ट भाजपा नेता वेंकैया नायडू ने भी कहा है) . उसे यहाँ सही या उपयुक्त नाम यानि "नोट बदली" ही लिखा गया है. 

इस लेख का मुख्य विषय नोट- बदली के जो ढेरो फायदे है, उन्हें व्यवस्थित सूचीबद्ध रूप में पेश करना है. लेकिन अगले लेख में हम उसके कारण आम जनता को होने वाली तकलीफो को भी बताएंगे तथा उन्हें कब तक झेलना पड़ेगा, यह भी अनुमानित रूप से बताएंगे. इसके जो अनेक लाभ है वे इस प्रकार तीन श्रेणियों में बाँटे तथा अधिकतम संक्षेपित किये जा सकते हैं:

वे लाभ जो अब तक हो चुके है:

1. आतंकवादियो व नक्सलवादीयों की नकली व काली धनराशि रद्दी हो गयी तो उनकी कमर टूट गयी,

2. बैंक ख़राब माली हालात से उबर गए,

3. नगर-निकायों व सरकारों के खजाने भी भर गए,

4. पाकिस्तान के नकली भारतीय करेंसी छापने के कारखाने बेकार हो गए,

5. हवाला कारोबार, ड्रग्स, तस्करी, काला-बाजारी अवैध हथियार, अवैध मुद्रा-विनिमय, आदि पर भी नकेल कस गयी,

6. कश्मीर में पत्थरबाजी व अन्य आतंकी गतिविधियों पर लगाम लग गयी है,

7. सोने के आयत में कमी आ गयी है,

8. कई बेईमान कारोबारी, बैंक अफसर और उनके बिचौलिए / एजेंट पकड़े गए हैं व सतत पकड़े जा रहे हैं,

9. एक नंबर का लेनदेन व डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ गया है और बढ़ रहा है, आदि .

वे लाभ जिनकी शुरुआत हो गई है:

10. कई अपना काला धन जलाकर या अन्य तरीको से नष्ट कर रहे हैं,

11. कई काला धन VDS स्कीम में घोषित कर रहे हैं,

12. कइयों का धन इधर-उधर ले जाने में या बैंको में गलत तरीको से बदलने की कोशिश में पकड़ा जा रहा है,

13. ब्याज दरें कम होने लगी है,

14. प्रॉपर्टी के, सोने, चांदी, ज्वेलरी के भाव गिरने लगे है,

15. जिन बैंको में अतिशय पुराने नोट जमा हुए उनकी व उनके मैनेजरो की कड़ी जांच शुरू हो गयी,

16. कई ज्वेलर, अफसर व कुछ पक्ष- विपक्ष के नेताओ के यहाँ छापे पड़े हैं; कई पर केस कायम हुए हैं व कई कड़ी जाँच के घेरे में हैं,

17. अब छोटे नोट पहले से अधिक होंगे जिससे विभिन्न मूल्यों के नोटों के बीच जैसा संख्यात्मक संतुलन चाहिए वैसा होगा, आदि |

वे कुछ बड़े लाभ, जो कुछ समय बाद मिलने लगेंगे (केवल नोट बदली ही नहीं लेस-कैश व GST के कारण भी):

18. पारदर्शिता वाले डिजिटल ट्रांजेक्शन्स का प्रयोग बढ़ेगा, तो अवैध लेनदेन के जरिये शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सेवाओं के दाम अनाप-शनाप लेना बंद हो जाएगा,

19. जब अधिकतर काम एक नंबर में (सरकार को बताये जाने वाले हिसाब अनुसार) करना होंगे तो दो नम्बर का लेनदेन यानि काला धन बनाना, कठिन हो जाएगा यानि काला धन ख़त्म तो नहीं पर कम हो जाएगा,

20. इससे सभी सरकारों की करो की वसूली अधिक भी हो जायेगी व आसान भी,

21. इससे भ्रष्टाचार भी कम होगा और अन्याय भी,

22. सरकारों का कर-आधार बढ़ जाएगा और आय भी यानि घाटा भी कम और कर-संग्रह में होने वाला खर्च भी कम,

23. बैंको के पास काफी पैसा होने से वे अधिक उद्यमियों को, किसानों को व अन्य प्रकार के लोन भी दे सकेंगे,

24. जितनी ब्लैक मनी बैंको में लौटकर नहीं आयगी उतनी रिज़र्व बैंक सरकार को दे सकेगी,

25. सरकारों के पास अधिक पैसा होगा तो वे शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, अधो-संरचना व विकास के अन्य कामो पर अधिक खर्च कर सकेगी,

26. रोजगार बढ़ाने वाले और गरीबो के कल्याण के काम भी अधिक होंगे,

27. सभी प्रकार की महंगाई कम होगी,

28. विदेशी निवेश, भारत की विश्व में साख एवं पर्यटन भी बढ़ेगा,

29. अगला एक-डेढ़ साल तो विकास दर कम ही रहेगी फिर अधिक तेजी से बढ़ने लगेगी,

30. रुपये की कीमत तो 6-8 महीने बाद ही बढ़ने लगेगी,

31. स्वच्छ चुनाव होंगे व उससे बेहतर राजनीती होगी,

32. हर मामले में पारदर्शिता आने से सार्वजनिक जीवन एवं आम जीवन में भी नैतिकता व शुचिता बढ़ेगी, आदि-आदि !!!!

                                                                                                          हरिप्रकाश 'विसंत'

Disclaimer : The views, opinions, positions or strategies expressed by the authors and those providing comments are theirs alone, and do not necessarily reflect the views, opinions, positions or strategies of NTIPL, www.newstracklive.com or any employee thereof. NTIPL makes no representations as to accuracy, completeness, correctness, suitability, or validity of any information on this site and will not be liable for any errors, omissions, or delays in this information or any losses, injuries, or damages arising from its display or use.
NTIPL reserves the right to delete, edit, or alter in any manner it sees fit comments that it, in its sole discretion, deems to be obscene, offensive, defamatory, threatening, in violation of trademark, copyright or other laws, or is otherwise unacceptable.
Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -