आप सभी इस बात को जानते ही होंगे कि हिंदुओं में 33 करोड़ देवी-देवता हैं जिनकी सभी लोग पूजा करते हैं. इन्हे कुछ लोग ऋग्वेद में दिए गए श्लोकों से जोड़ते हैं तो कुछ इन्हे स्वामी विवेकानंद के एक कथित कथन से जोड़ते हैं .इस कथन में कहा गया था कि देश के सभी 33 करोड़ देशवासियों को देवता मानकर निस्वार्थ भाव से मानवता तथा देश की सेवा करनी चाहिए.
आप सभी को बता दें कि वास्तविकता में यह एक कोरी कपोल कल्पना मात्र है जो पूर्णतया असत्य बताई गई है. कहते हैं कि हिंदू धर्म के अनुसार 33 करोड़ देवी-देवता हैं और ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल से असंख्य देवी-देवताओं को पूजने की परंपराएं चली आ रही हैं. इस बारे में अक्सर ही लोगों को यह जानना रहता है कि क्या वाकई में हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं या नहीं..? आपको बता दें कि संस्कृत में कोटि शब्द के दो अर्थ होते हैं, एक अर्थ है प्रकार (Types) और दूसरा अर्थ है करोड़.
ऐसे में देवी-देवताओं के संदर्भ में भी कोटि शब्द का पहला अर्थ 'प्रकार' ही कहा जाता है. तो आइए आपको बताते हैं हिंदू धर्म के इन 33 देवी-देवताओं की गणना के बारे में. आपको बता दें कि देवताओं की इन 33 कोटि में आठ वसु, ग्यारह रुद्र, बारह आदित्य, इंद्र और प्रजापति शामिल है. वहीं 12 आदित्य - अंशुमान, अर्यमन, इंद्र, त्वष्टा, धातु, पर्जन्य, पूषा, भग, मित्र, वरुण, वैवस्वत और विष्णु है. 8 वसु - आप, ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्यूष, प्रभाष शामिल हैं. 11 रूद्र - मनु, मन्यु, शिव, महत, ऋतुध्वज, महिनस, उम्रतेरस, काल, वामदेव, भव और धृत-ध्वज शामिल हैं और 2 अश्विनी - अश्विनी तथा कुमार (कुछ लोग इंद्र तथा प्रजापति के स्थान पर अश्विनी कुमारों को मानते हैं. साथ ही इस प्रकार कुल 12 आदित्य + 8 वसु + 11 रूद्र + 2 अश्विनी कुमारों को मिलाकर कुल 33 कोटी देवता कहे जाते हैं.
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