कोलकाता : शहर के घर में एक 38 साल का बेटा पिछले 18 दिनों से अपनी 77 साल की मां के शव के साथ रह रहा था। उसने हर खिड़की और दरवाजे को इस तरह से बंद किया हुआ था शव की दुर्गंध घर के बाहर न निकले। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब उसने कब्र खोदने के लिए बीडन स्ट्रीट पर रहने वाले अपने एक रिश्तेदार से मदद मांगी। लड़के का कहना है कि उसने और मां ने ईसाई धर्म अपना लिया था और उसके अनुसार वह 21वें दिन शुभ क्षण में उन्हें दफनाने वाला था।
शव के सड़ने का कर रहा था इंतजार
घर के अंदर से जब बदबू फैलने लगी तब स्थानीय लोगों ने पुलिस से इसकी शिकायत की। रविवार रात को दस बजे जब मौके पर पुलिस पहुंची तो उन्हें मैत्रेय भट्टाचार्य अपनी मां कृष्णा भट्टाचार्य के शव के पास बैठा हुआ मिला। पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। कृष्णा भट्टाचार्य की मौत 18 दिन पहले हो गई थी। जानकारी के मुताबिक मैत्रेय ने पुलिस को बताया, 'मैं उनके शव का तीन दिन और सड़ने का इंतजार कर रहा था और उन्हें अपने घर के कोर्टयार्ड में 21 दिन पूरे होने के बाद दफन कर देता।'
प्राप्त जानकारी अनुसार लड़के ने बताया कि सिद्धांत के अनुसार यह शुभ अनुष्ठान था। लड़के की माँ सेवानिवृत्ति तक भवानीपुर के एक गर्ल्स स्कूल में पढ़ाती थीं। उसके पिता गोराचंद भट्टाचार्य सरकार द्वारा संचालित एसएसकेएम अस्पताल में न्यूरोसर्जन थे। साल 2013 में गोराचंद का निधन हो गया था।
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