आज से 38 साल पहले, भारत लॉर्ड्स में विश्व विजेता बना था. 25 जून 1983 का दिन भारतीय खेलों के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा हुआ है. वेस्टइंडीज पर भारत ने फाइनल मुकाबले में 43 रनों से हैरतअंगेज जीत हासिल कर पहली बार वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया था. पूरे टूर्नामेंट में टीम इंडिया ने उम्मीदों के विपरीत अपने प्रदर्शन से सबको हैरान करते हुए ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड तथा वेस्टइंडीज जैसी दिग्गज टीमों को धूल चटाई थी और विश्व चैंपियन बनकर इतिहास रचा था.
फाइनल मुकाबले में एक तरफ थी दो बार की विश्व विजेता वेस्टइंडीज की टीम, तो दूसरी तरफ थी पिछले दोनों विश्व कप में निरशजनक प्रदर्शन करने वाली टीम इंडिया. वेस्टइंडीज ने भारत को महज 183 रनों पर समेट दिया था. इंडीज के लिए यह कोई बड़ा टारगेट नहीं था, किन्तु बलविंदर सिंह संधू ने गॉर्डन ग्रीनिज को महज एक रन पर बोल्ड कर भारत को जबरदस्त सफलता दिलाई. हालांकि इसके बाद विवियन रिचर्डस ने धुआंधार बल्लेबाजी करते हुए 33 रन ठोंक डाले. इसी बीच रिचर्ड्स ने मदन लाल की गेंद पर अचानक मिड विकेट की ओर एक ऊंचा शॉट खेला. जिसे कप्तान कपिल देव ने अपने पीछे की तरफ लंबी दौड़ लगाते हुए एक शानदार कैच लपक लिया.
रिचर्ड्स का आउट होना था, जिसके बाद वेस्टइंडीज की पारी बिखर गई. आखिरकार पूरी टीम 140 रनों पर ढेर हो गई. मदन लाल ने 31 रन पर तीन विकेट, मोहिंदर अमरनाथ ने 12 रन पर तीन विकेट और संधू ने 32 रन पर दो विकेट झटककर, लॉयड के धुरंधरों को पटखनी दे दी. अमरनाथ सेमीफाइनल के बाद फाइनल मैच में भी अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से मैन ऑफ द मैच का अवार्ड जीता. इस ऐतिहासिक सफलता के बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 28 वर्ष पश्चात् 2011 में दोबारा वनडे वर्ल्ड कप जीतने का कमाल किया था.
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