नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने एक और नालंदा गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमे एक नाबालिग भी शामिल है. पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए शातिर अपराधी कोरोना के दौरान जीवन रक्षक दवाओं की ब्लैक मार्केटिंग कर रहे थे और उसके नाम पर लोगों को ठग रहे थे. इन दवाओं में रेमडेसिविर जैसी दवाएं भी शामिल हैं.
पुलिस ने आरोपियों के पास से 23 मोबाइल फोन, 23 सिम कार्ड और चार लैपटॉप भी जब्त किए हैं. इन आरोपियों के खिलाफ केवल दिल्ली में ही 13 से अधिक केस दर्ज थे. हाल ही में आरोपी सुबोध कुमार उर्फ सुबोध यादव को बिहार के दानापुर से अरेस्ट किया गया है. इससे पहले, अन्य आरोपी राजेश पासवान उर्फ राजू (31 साल) और उसका भतीजा, नालंदा जिले के मनोज प्रसाद उर्फ मनोज महतो को पकड़ा गया है. इन सभी ने रेमडेसिविर और टॉसीलिज़ुमैब जैसी दवाओं की आपूर्ति के नाम पर ठगी की बात कबूल की है.
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मचे हाहाकार के बीच सोशल मीडिया और ऑनलाइन तत्काल भुगतान के माध्यम से ठगी की वारदातों को अंजाम दिया गया. इस दौरान 500 से अधिक केस दर्ज किए गए हैं और जिला साइबर इकाइयों, CyPAD और अपराध शाखा की तरफ से जांच की जा रही है.
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