दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में शुमार टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास की अटकलों का बाजार एक बार फिर से गर्म हो गया है. चर्चा चल रही है कि धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने का मन बना लिया है. आईपीएल के टलने से पहले धोनी इसकी तैयारियों में जुटे थे. माना जा रहा था कि यह लीग धोनी के लिए एक बार फिर से भारतीय टीम का दरवाजा खोलेगी. लेकिन आईपीएल को कोरोना वायरस के चलते 15 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया. धोनी कब-क्या फैसला लेंगे ये शायद उनके अलावा कोई और नहीं जानता, जैसे वो मैदान में भी अपने फैसलों से सभी को चौंका देते थे.
ICC के सभी टूर्नामेंट जीतने वाले एमएस दुनिया के इकलौते कप्तान हैं. टी-20 विश्व कप, वन-डे विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी के खिताब उनकी झोली में शामिल हैं. आज जब धोनी के संन्यास के फैसले के बारे में बात हो रही है, 2011 के वर्ल्ड कप के दौरान धोनी लय में नहीं थे, लेकिन फाइनल मुकाबले में वो युवराज सिंह से पहले नंबर पांच पर बल्लेबाजी करने उतरे. जबकि युवराज ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान के बेहतरीन खेल दिखाया था. धोनी का यह फैसला सही साबित हुआ. भारतीय कप्तान ने 79 गेंदों पर नाबाद 91 रन बनाए जिसमें आठ चौके और दो छक्के शामिल थे. धोनी ने दबाव में बेहतरीन पारी खेली और भारतीय टीम को 275 रन के लक्ष्य तक पहुंचाकर विश्व चैंपियन बनाया.
भारत ने 2007 विश्व टी-20 के फाइनल में पाकिस्तान को 158 रनों का लक्ष्य दिया था. पाकिस्तान को आखिरी ओवर में जीत के लिए 13 रनों की दकरकार थी और धोनी ने जोगिंदर शर्मा के हाथों में गेंद सौंप दी. जोगिंदर शर्मा ने कमाल दिखाते हुए मिस्बाह-उल-हक का विकेट चटकाकर लक्ष्य का बचाव किया. भारत पांच रन से फाइनल जीत टी-20 का पहला विश्व चैंपियन बना था. अनुभवहीन शर्मा पर भरोसा करने का धोनी का निर्णय एक मास्टरस्ट्रोक था.
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