मणिपुर : अखिल भारतीय कांग्रेस के लिए ये दिन बुरे नज़र आ रहे हैं। पहले 5 राज्यों के चुनावों में पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में निराशाजनक परिणाम प्राप्त करने के बाद एमसीडी इलेक्शन में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा नैतिकता के आधार पर अपने पदों से इस्तीफा दे दिया गया। जिसके बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक ली। राहुल गांधी द्वारा उत्तर पूर्वी राज्यों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के लिए बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से कांग्रेस संगठन को मजबूत करने को लेकर चर्चा की।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए मणिपुर में सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उसके 4 विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। जिसके तहत वाई सुरचंद्रा, नगाम्थांग हाओकिप, ओ लुखोई, एस बीरा शामिल हैं। ये विधायक राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए। दूसरी ओर राज्य में तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक ने भी भाजपा के साथ औपचारिक विलय की घोषणा की।
दरअसल ये एकमात्र टीएमसी एमएलए हैं। टी रोबिंद्रो सिंह ने भाजपा सरकार के विश्वासमत हासिल करने के दौरान भी भाजपा को समर्थन दिया था अब उन्होंने भाजपा में विलय कर सरकार को मजबूत करने में अपनी भागीदारी निभाई है। गौरतलब है कि मेघालय में भी राज्य के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा और अन्य कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी से भेंट की। इस भेंट में उत्तर पूर्व कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नेताओं ने चर्चा की थी। बैठक में अरूणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह आदि शामिल थे।
राहुल गांधी ने इस मामले में कांग्रेस की कमजोरियों पर चर्चा की। पार्टी को लेकर उपजे असंतोष पर भी उन्होंने सदस्यों से बात की। कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए विधायकों के भाजपा ज्वाईन करने के मौके पर नाॅर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस के संयोजक हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस को मजबूत बनाने में लगे हैं मगर मणिपुर में तो 4 विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए हैं। आखिर कांग्रेस कहां मजबूत हो रही है इसमें तरक्की कहां है।
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