श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकी बिट्टा कराटे की पत्नी समेत 4 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, चारों को आतंकी ताल्लुकों की वजह से सेवा से हटाया गया है। बता दें कि बिट्टा कराटे आतंक से जुड़े आरोपों का सामना कर रहा है। साथ ही वह कश्मीरी हिन्दुओं की निर्मम हत्याओं में भी शामिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि 1990 में 1 लाख से अधिक कश्मीरी हिन्दुओं को इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा उनका अपना ही घर छोड़कर पलायन करने पर मजबूर किया गया था। हज़ारों कश्मीरी हिन्दुओं को रातों रात बेघर कर दिया गया था। कश्मीर में हिन्दुओं की हत्याएं और दहशत फैलाने का सिलसिला 1989 से ही शुरू हो गया था। बिट्टा कराटे उर्फ फारूक अहमद डार उस समय घाटी में दहशत का पर्याय बन गया था। वह कश्मीरी हिन्दुओं को खोज-खोजकर मारता था।
एक इंटरव्यू में बिट्टा कराटे ने खुद कबूल किया था कि पहला खून उसने सतीश नामक शख्स का किया था। बिट्टा ने यह भी बताया था कि वह पिस्तौल से हत्याएं करता था। अक्सर अकेले हत्या करने निकलता था और नकाब नहीं पहनता था। वहां के स्थानीय लोग भी इस काम में उसका साथ देते थे। उसने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) नेताओं के आदेश पर 20 हिन्दुओं को मारने की बात कैमरे पर कबूल की थी। इसी बिट्टा की पत्नी अब तक जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरी कर रही थी और सरकार से लाभ प्राप्त कर अलगाववाद का पोषण कर रही थी।
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