लखनऊ: देश के सबसे बड़े राज्य यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शुक्रवार को अपने कार्यकाल के 4 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य के लोगों के नाम एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने बीते चार वर्ष की कामयाबियों को गिनाया है। योगी आदित्यनाथ ने अपने पत्र का आरम्भ पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की कविता के साथ की है। अपनी कामयाबियों को गिनाते हुए योगी आदित्यनाथ ने राज्य में चल रहे विकास कार्यों, राम मंदिर के निर्माण, गन्ना किसानों के भुगतान तथा पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के उद्देश्य को सामने रखा है। साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पिछले एक वर्ष में कैसे कोरोना की चुनौती का सामना किया, इसका भी जिक्र अपने पत्र में किया है।
पत्र में लिखी अटल की कविता...
पीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने लेख का शीर्षक ‘नए भारत का नया उत्तर प्रदेश’ दिया है। लेख का आरम्भ अटल बिहारी वाजपेयी की कविता कदम मिलाकर चलना होगा से की गई है। जो कि ये है।।।
सम्मुख फैला अगर ध्येय पथ,
प्रगतत चिरंतन कै सा इतत अब,
सुस्ममत हर्षित कैसा श्रम श्लथ,
असफल, सफल समान मनोरथ,
सब कुछ देकर कुछ न मांगते,
पावस बनकर ढलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।
योगी की चिट्ठी (पार्ट 1)
अपने पत्र में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिक्र किया कि जब कोरोना का खतरा बढ़ा था, तब राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति ने उनसे चर्चा की थी तथा राज्य के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर चिंता जाहिर की थी। किन्तु आज उत्तर प्रदेश कोरोना के विरुद्ध बेहतरीन तरीके से लड़ाई को लड़ रहा है। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने एक टीम बनाई, जो प्रतिदिन मीटिंग करती थी तथा राज्य में कोरोना की स्थितियों पर निगरानी रखती थी।
योगी की चिट्ठी (पार्ट 2)
'सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ज्योति'
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री ने इसके अतिरिक्त राज्य में बनाए जा रहे एक्सप्रेस-वे के जाल, करोड़ों लोगों को दिए गए बिजली कनेक्शन, डिफेंस कॉरिडोर और ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस की सूचि में उत्तर प्रदेश के नंबर दो आने का जिक्र किया तथा सरकार की सफलता बताया। योगी आदित्यनाथ ने इसके अतिरिक्त गन्ना अन्नदाताओं के भुगतान, नए कृषि कानूनों की प्रशंसा भी अपने पत्र में की। सीएम ने कहा कि राज्य में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ज्योति प्रज्ज्वलित हुई है, इस के चलते उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर, दीप दीपावली, ब्रज रंगोत्सव सहित अन्य सांस्कृतिक समारोह का जिक्र किया।
आपको बता दें कि भाजपा ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत प्राप्त की थी। तब भाजपा किसी चेहरे के साथ मैदान में नहीं उतरी थी। किन्तु तब के गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ को जब सीएम बनाने का निर्णय लिया गया, तो हर कोई हैरान था। योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च, 2017 को सीएम पद की शपथ ली थी।
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