नई दिल्ली: दिल्ली के 40 से अधिक स्कूलों को 8 दिसंबर की रात एक धमकी भरा ईमेल मिला, जिसने पूरे शहर में दहशत फैला दी। इनमें डीपीएस आरके पुरम और जीडी गोयनका स्कूल पश्चिम विहार जैसे प्रतिष्ठित स्कूल भी सम्मिलित हैं। ईमेल में दावा किया गया था कि स्कूल परिसरों में बम लगाए गए हैं और धमाके को रोकने के बदले 30 हजार डॉलर की मांग की गई थी। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई गहन जांच के बाद इसे फर्जी धमकी करार दिया गया।
8 दिसंबर की रात को ईमेल मिला
8 दिसंबर को रात 11:38 बजे विभिन्न स्कूलों को एक धमकी भरा ईमेल प्राप्त हुआ। ईमेल में कहा गया था कि स्कूल परिसरों में बम लगाए गए हैं, और अगर उन्हें समय रहते डिफ्यूज नहीं किया गया तो भारी जानमाल का नुकसान हो सकता है। धमकी देने वाले ने ब्लास्ट रोकने के बदले 30 हजार डॉलर की फिरौती मांगी।
यह धमकी मिलने के बाद स्कूल प्रबंधन एवं सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। अगले दिन सुबह, स्कूल खुलने से पहले ही प्रबंधन ने सुरक्षा एजेंसियों को सूचित किया और तत्काल प्रभाव से बच्चों को वापस घर भेज दिया।
स्कूल परिसरों की गहन जांच
धमकी की जानकारी मिलने के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस, फायर ब्रिगेड एवं बम निरोधक दस्ते ने सभी स्कूल परिसरों की गहन तलाशी शुरू की। सुबह लगभग 7 बजे दिल्ली फायर डिपार्टमेंट को इसकी सूचना दी गई। सुरक्षा एजेंसियों ने हर कोने की बारीकी से जांच की, किन्तु किसी भी प्रकार के विस्फोटक या संदिग्ध सामग्री के संकेत नहीं मिले। इस के चलते, स्कूल प्रबंधन ने बच्चों और स्टाफ की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी स्कूलों को एहतियातन बंद कर दिया। बच्चों को स्कूल परिसर में प्रवेश करने से पहले ही घर वापस भेज दिया गया।
सुरक्षा एजेंसियों ने प्राथमिक जांच के पश्चात् बताया कि यह धमकी एक फर्जी ईमेल थी। इसे "होक्स कॉल" (झूठी धमकी) करार दिया गया। हालांकि, पुलिस और साइबर विशेषज्ञों ने इस ईमेल के स्रोत का पता लगाने के लिए तकनीकी तहकीकात आरम्भ कर दी है। आईपी एड्रेस और अन्य डिजिटल सुरागों के आधार पर ईमेल भेजने वाले की पहचान करने का प्रयास जारी है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस धमकी का उद्देश्य सिर्फ डर फैलाना था या इसके पीछे किसी बड़ी साजिश की योजना थी।