भोपाल: मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित विभिन्न सरकारी विभागों के कार्यालय वाले सतपुड़ा भवन में आग लगने के साथ ही राज्य का राजनीतिक पारा भी चढ़ गया है। सेना, CISF एवं दमकल कर्मियों ने लगभग 14 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पा लिया है। इस घटना ने प्रदेश में राजनीतिक माहौल भी गर्म कर दिया है। वही एक ओर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसे लेकर रिव्यू मीटिंग बुलाई वहीं कांग्रेस इस आग पर सवाल उठा रही है। ‘आग लगी या आग लगाई गई’…कांग्रेस ने ये सवाल उठाया है और मामले की तहकीकात की मांग भी की है।
वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा इसे कांग्रेस की अवसरवादिता करार दे रहे हैं। उन्होने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय तहकीकात कराई जा रही है। ये कोई पहली बार नहीं है जब सतपुड़ा भवन में आग लगी हो। इससे पहले भी वहां कई अहम दस्तावेज आग में जलकर खाक हो गए हैं। अब चुनावी साल में यदि ऐसे अहम सरकारी दफ्तर में आग लगे तो सवाल उठना लाजमी है। कमलनाथ ने एक बार फिर भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए पूछा है कि ‘आग लगी है या लगाई गई है?’
वहीं इस पर भाजपा ने कहा है कि फाइलें भले जल गई हों मगर हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव में डेटा उपस्थित रहता है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ‘इसकी उच्चस्तरीय तहकीकात की जा रही है तथा 3 दिन में उसकी रिपोर्ट आ जाएगी। सारे दस्तावेज रिक्रिएट हो जाएंगे।’ वहीं कांग्रेस के आरोपो पर पलटवार करते हुए उन्होने कहा कि ‘कांग्रेस अवसर तलाशती है. 4 हजार कर्मचारी अंदर है ऐसे में कैसे आग लग जाएगी, कौन मिट्टी का तेल पेट्रोल लेकर अंदर जाएगा। इनकी बुद्धि पर तरस आता है।’ उन्होने कहा कि कांग्रेस के आरोप निंदा के काबिल है। इस प्रकार उन्होने सारे आरोपों को सिरे से नकार दिया। बहरहाल..इस आग ने राजनीतिक हमलों को आंच अवश्य दे दी है तथा भाजपा कांग्रेस दोनों ही इस मुद्दे पर एक दूसरे पर अलग अलग प्रकार के आरोप जड़ रहे हैं।
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