अभी नोटबंदी की समस्या से पूरी तरह उभर भी नहीं पायी थी वाहन कंपनियां और उन पर एक और पहाड़ टुट पड़ा। 31 मार्च से पहले भारत में बीएस-3 व्हीकल्स के स्टाक को खत्म करने लिए लगातार डिस्काउंट दिया गया। इस डिस्काउंट ऑफर से टू-व्हीलर कंपनियों ने अपनी 90 प्रतिशत तक की इन्वेंटरी बेच दी। लेकिन कमर्शियल व्हीकल्सं कंपनियां ऐसा नहीं कर पाई हैं। देश की तीन सबसे बड़ी कमर्शियल व्हीकल्स कंपनियों – महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स और अशोक लीलैंड की हिस्सेदारी अनसॉल्ड इन्वेंटरी में सबसे ज्यादा है। बताया जा रहा हैं कि लगभग 40 हजार से 45 हजार तक अनसॉल्डं कमर्शियल गाड़ियों की इन्वेंटरी अब भी बची हुई है।
इस बीच टाटा मोटर्स के घाटे की बात की जाए तो य़े बंपर सेल के बाद भी डीलर्स और कंपनियों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। बता दे कि कमर्शियल व्हीकल्स की इन्वेंटरी सबसे ज्यादा है। जिसमें अधिकतर भाग टाटा मोटर्स का है। कमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री में टाटा मोटर्स और अशोक लीलैंड की हिस्सेदारी 60 फीसदी से ज्यादा है।
आपको बता दे कि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने बीएसई को जानकारी देते हुए कहा कि बीएस-3 व्हीकल्स की अनसॉल्डा इन्वेंटरी करीब 18,000 है। कंपनी के मुताबित 30 मार्च और 31 मार्च को दिए गए डिस्काउंट के कारण इंडस्ट्री को भारी नुकसान हुआ है। महिंद्रा ने आगे कहा है कि कुछ व्हीकल्स को एक्सपोर्ट किया जाएगा और कुछ व्हींकल्स को बीएस-4 में कन्वर्ट किया जाएगा।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स व्दारा जारी आकड़े के मुताबित कमर्शियल व्हीकल्स की अनसॉल्ड इन्वेंटरी करीब 97,000 यूनिट्स थी,जो कि 2 माह की सेल के बराबर है। वहीं, रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 40,000 से 45,000 यूनिट्स अनसॉल्ड इन्वेंटरी रह गई है। 31 मार्च तक दिए गए डिस्काउंट और इंसेंटिव्स की कॉस्ट करीब 1,200 करोड़ रुपए है। वहीं, अनसॉल्ड इन्वेंटरी को डिस्पोेज करने की कॉस्ट 1,300 करोड़ रुपए हो सकती है।
टोयोटा करेगी कॉरला ऑल्टिस की 23,157 यूनिट कारों को रिकॉल
टाटा अपनी नैनो, सुमो और इंडिका का प्रोडक्ट करेगी बंद, जानिए क्यों?
हुंडई की नई एलीट आई-20 हुई लांच, जाने इसकी कीमत