नैनीताल: ग्रह-नक्षत्रों की तरह धूमकेतुओं की भी अपनी दुनिया है। हमारे सौरमंडल के अंतिम पंक्ति में रहने वाले धूमकेतु कभी-कभार भूले-भटके धरती के करीब आ जाते हैं। जानकारी के अनुसार बता दें कि ऐसा ही एक धूमकेतु धरती के करीब से होकर गुजरने वाला है, इसका नाम 46पी रिट्नेन है।
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वहीं बता दें कि 16 दिसंबर को यह धरती के 11.59 मिलियन किलोमीटर एक करोड़ 15 लाख 90 हजार किलोमीटर की दूरी से होकर सूर्य की दिशा में आगे बढ़ जाएगा। यहां बता दें कि आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे के अनुसार रिट्नेन नामक धूमकेतु 12 दिसंबर से कोरी यानि नग्न आंखों से दिखाई देने लगेगा। तब इसकी चमक लगभग 9.62 मैग्नीट्यूड होगी।
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इसके साथ ही जैसे-जैसे यह सूर्य के निकट पहुंचेगा, सूर्य के प्रकाश में इसकी चमक बढ़ने लगेगी। इससे इसकी चमकदार पूंछ भी नजर आने लगेगी। यह धूमकेतु साढ़े चार साल में सूर्य की परिक्रमा पूरी कर लेता है। इसे पूर्व दिशा में क्षितिज के करीब देखा जा सकता है। रात आठ बजे यूरेनस ग्रह व ओरायन नक्षत्र के बीच त्रिकोणीय स्थिति बनाते हुए रिट्नेन सप्तऋषि तारामंडल के समीप नजर आएगा। तब दूरबीन की मदद से इसे स्पष्ट देखा जा सकेगा।
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