देश में भ्रष्टाचार के चलते जमीन खरीदने के बाद उसकी रसीद कटाने में एक परिवार को 47 वर्ष का समय लग गया. इस बीच सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते लगते ही पिता की मौत हो गई, और उसी काम में फिर बेटा भी लग गया. आख़िरकार पुत्र ने रसीद कटाई. कहानी रानीगंज प्रखंड के मधुलता निवासी साबिर साह की है, 40 साल तक साबिर के पिता साह साबुल अपनी खरीदी जमीन का दाखिल खारिज कराने और रसीद कटाने के लिए अंचल कार्यालय के चक्कर काटते रहे.
अंत में उन्होंने अपनी छह डिसमिल जमीन अपने पुत्र के नाम कर दी, इसके एक साल के बाद साबुल की मौत हो गई, पिता की मौत के बाद साबिर भी इस छह डिसमिल जमीन की रसीद कटवाने के लिए रात-दिन एक कर दिया, हलका कर्मचारी (राजस्व कर्मचारी) ने उनसे भी मोटी घूस की मांग की, लेकिन साबिर ने देने से इन्कार कर दिया.
लोक शिकायत अधिनियम की जानकारी मिलने पर परिवाद पत्र दायर किया, सुनवाई पूरी होने के बाद लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अजय कुमार के निर्देश पर उन्हें लगान की रसीद मिली. अंत में 18 दिसंबर 2017 को अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय में उन्होंने आवेदन दिया. साबिर की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कर्मचारी की उपस्थिति में सुनवाई की गई.
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