खंडवा: मध्य प्रदेश के खंडवा में पिछले 2 दिन से तेज वर्षा जारी है, इस दरमियान पिछले 24 घंटे में सवा 5 इंच से अधिक बरसात हो चुकी है। स्थिति यह है कि जिले से सटी नर्मदा और शहर से सटी आबना नदी उफान पर है। इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर एवं भगवंत सागर डैम के गेट खोल दिए गए है। नर्मदा के खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर उफनने से माेरटक्का ब्रिज बंद कर इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर गाड़ियों की आवाजाही रोक दी गई है। इधर, खंडवा कलेक्टर ने विद्यालयों की छुट्टी घोषित कर दी है।
बात यदि खंडवा शहर की करें तो भारी बरसात की वजह से प्रातः 5 बजे से बिजली सप्लाई बंद है। बारिश और ऊपर से अंधेरे की वजह से लोग परेशान है। आबना नदी में उफान आया हुआ है। 3 पुलिया के अंदर निकासी की पूरी क्षमता के साथ पानी का बहाव हो रहा है। स्टेशन रोड, रामेश्वर रोड पर जलभराव हो चुका है। बड़ाबम चौक पर पेड़ गिरने से मंदिर धराशायी हो गया है। पंधाना रोड पर इंडस्ट्रियल एरिया में बस्तियों में जल जमाव हो चुका है। इधर, मौसम विशेषज्ञ के अनुसार, बारिश के यह हालात पूरे हफ्ते तक बरकरार रहेंगे। वही इस सीजन में पहली बार इंदिरा सागर एवं ओंकारेश्वर बांध के गेट खोले गए हैं। इससे नर्मदा में उफान आ गया है। 2 दिनों से नर्मदा घाटी के ऊपरी क्षेत्रों में हो रही बारिश एवं बरगी तथा तवा बांध के शुक्रवार को 13 गेट खोलने से इंदिरा सागर बांध का जलस्तर अचानक बढ़ गया। रात लगभग 1 बजे इंदिरा सागर एवं ओंकारेश्वर बांध के गेट भी प्रशासन को खोलने पड़े।
ओंकारेश्वर बांध परियोजना प्रमुख धीरेंद्र कुमार द्विवेदी ने बताया कि ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर 196 पहुंचने से जलस्तर काबू करने के लिए बांध के सभी 23 गेट लगभग 6 मीटर तक खोल दिए गए हैं। इससे लगभग 30 हजार क्यूमेक्स पानी नर्मदा के निचले क्षेत्र में छोड़ा जा रहा है। वहीं इंदिरा सागर बांध से तकरीबन 28 हजार क्युमेक्स पानी की आवक हो रही है। वहां पर 20 में से 12 गेट खोले गए हैं। शनिवार प्रातः 10 बजे तक ओंकारेश्वर बांध से लगभग 37 हजार क्युमेक्स पानी छोड़ा जाएगा। ओंकारेश्वर एवं खेड़ीघाट में नर्मदा घाट डूब चुके है। लोगों से अपील है कि वह नर्मदा किनारे ना जाए। मांधाता टीआई बलजीतसिंह बिसेन ने बताया कि, मोरटक्का पुल से आवाजाही रोक दी गई है। नर्मदा के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए ओंकारेश्वर के सभी घाटों पर लोगों को ना जाने की निरंतर खबर दी जा रही है।
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