नई दिल्ली : कश्मीर को छोड़कर सभी राज्यों में वैट से मुक्त झाड़ू पर आगामी 1 जुलाई से 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया जा रहा है. ज्ञात है कि दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी का चुनाव चिह्न भी झाड़ू है इसलिए आप नेताओं ने सरकार से झाड़ू को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध किया है.
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) ट्रेड विंग के अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल और संयोजक बृजेश गोयल ने कहा झाड़ू कारोबारियों पर 5 फीसदी टैक्स की मार पड़ेगी. गोयल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को छोड़कर झाड़ू पूरे देश में वैट मुक्त है. जबकि झाड़ू का व्यवसाय घरेलू उद्योग की श्रेणी में आता है. इसे बनाने में मशीनों का उपयोग नहीं होता है. अमीर हो या गरीब, झाड़ू हर घर की जरूरत है. पीएम मोदी का स्वच्छता अभियान भी झाड़ू के बिना बेमानी है, इसलिए केंद्र सरकार को इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखना चाहिए.
आपको जानकारी दे दें कि झाड़ू के अलावा शून्य प्रतिशत वैट वाले डीवैट शेड्यूल-1 में शामिल करीब एक दर्जन घरेलू इस्तेमाल की वस्तुओं को जीएसटी की टैक्स-फ्री सूची में न रखते हुए 5 से 18 प्रतिशत तक टैक्स लगाने का निर्णय लिया है.इनमें अगरबत्ती, कैरोसिन स्टोव,कैरोसिन लैंप, लालटेन और इसके शीशे व कलपुर्जे शामिल हैं. यही नहीं सेनेटरी नैपकिन, बुजुर्गों के इस्तेमाल वाले क्लीनिकल डायपर्स पर भी 12 फीसदी जीएसटी स्लैब में रख दिया है. व्यापारियों का आरोप है कि डीवैट शेड्यूल-1 में शामिल 99 वस्तुओं में से करीब दो दर्जन वस्तुओं की दर से छेड़छाड़ कर और इन्हें 5 से 12 फीसदी के टैक्स स्लैब में डाल दिया है.
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