नरसिंहपुर: मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के मेहरागांव गांव में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक शख्स ने पांच पिल्लों को कार्डबोर्ड बॉक्स में बंद करके ग्राम पंचायत भवन के परिसर में फेंक दिया, जिससे उनकी दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने स्थानीय समुदाय को चौंका दिया है तथा इसे पशु क्रूरता के तहत गंभीर अपराध के रूप में देखा जा रहा है। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, यह घटना मेहरागांव गांव के निवासी फूला कहार द्वारा की गई। आरोपी ने 5 पिल्लों को कार्डबोर्ड बॉक्स में बंद किया तथा उन्हें पंचायत भवन के परिसर में फेंक दिया, जिससे पिल्लों की मौत हो गई। यह घटना तब उजागर हुई, जब ग्राम पंचायत की सरपंच माया विश्वकर्मा ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। सरपंच ने बताया कि पिल्लों की लाशें पंचायत भवन के पास पड़ी हुई थीं तथा यह एक जघन्य अपराध था।
पुलिस कार्यवाही: पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 429 के तहत आरोपी फूला कहार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। धारा 429 के तहत किसी पशु को जानबूझकर मारने या अपंग करने पर आरोपी को 5 वर्ष तक की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। पुलिस अफसर शिवराज पटेल ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
इस मामले में पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने भी हस्तक्षेप किया है। PETA इंडिया ने साईंखेड़ा पुलिस के साथ मिलकर FIR दर्ज कराने में मदद की। PETA के क्रूरता प्रतिक्रिया समन्वयक वीरेंद्र सिंह ने इस मामले पर एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, "जो लोग जानवरों के साथ क्रूरता करते हैं, वे अक्सर समाज में हिंसा और अपराध के अन्य रूपों में भी सम्मिलित हो सकते हैं।" आगे उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं की रिपोर्ट करना और लोगों को इसके खिलाफ जागरूक करना जरूरी है जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता:
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि जानवरों के प्रति संवेदनशीलता एवं जिम्मेदारी की आवश्यकता है। स्थानीय समुदाय में इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी है, तथा लोग आरोपी के खिलाफ सख्त सजा की मांग कर रहे हैं। पशु क्रूरता के मामले में कानून के तहत कड़ी सजा का प्रावधान है, लेकिन समाज में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
PETA इंडिया ने स्थानीय निवासियों से आग्रह किया है कि यदि वे इस तरह की घटनाओं का सामना करते हैं, तो उन्हें तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहिए तथा ऐसे अपराधों को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।