24 घंटे में 5 छात्रों ने की ख़ुदकुशी, परीक्षा में हुए थे नाकाम, क्या शिक्षा पद्धति में बदलाव की सख्त जरूरत ?

24 घंटे में 5 छात्रों ने की ख़ुदकुशी, परीक्षा में हुए थे नाकाम, क्या शिक्षा पद्धति में बदलाव की सख्त जरूरत ?
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हैदराबाद: तेलंगाना में 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद 24 घंटे के अंदर 6 स्टूडेंट्स ने ख़ुदकुशी कर ली है. बता दें कि, मंगलवार (9 मई) को तेलंगाना 12वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी किया गया था. 5 आत्महत्याएं अकेले हैदराबाद में दर्ज की गई है. वहीं, एक छात्र ने निजामाबाद में परीक्षा के नतीजे के बाद अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. परीक्षा में नाकाम होने से हताश एक छात्रा ने हैदराबाद के वनस्थलीपुरम में ख़ुदकुशी कर ली.

पुलिस ने जानकारी दी है कि 17 वर्षीय छात्रा फर्स्ट ईयर की छात्रा थी, जिसने रायदुर्गम में ख़ुदकुशी कर ली. एक सेकेंड ईयर स्टूडेंट ने पंजागुट्टा में सुसाइड कर लिया. वह मंगलवार को एक ईमारत से कूद गई थी. वह बुरी तरह जख्मी हो गई थी. बुधवार को उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया. परीक्षा में फेल होने से परेशान एक स्टूडेंट ने निजामाबाद के आर्मूर में ख़ुदकुशी कर ली. 2 सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स ने नेरेडमत और साफियाबाद में आत्महत्या कर ली. तेलंगाना के महबूबाबाद जिले में अप्रैल माह में एक ट्राइबल स्टूडेंट ने अपनी जान दे दी थी.

वह यहां एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई करता था. उसका डॉक्टर बनने का ख्वाब था, मगर परीक्षा में अच्छे अंक हासिल न करने के डर से उसने ख़ुदकुशी कर ली. हालांकि, बाद में आए रिजल्ट में उसने 1000 में 892 अंक प्राप्त किए. परीक्षा में नाकाम होने के बाद छात्र-छात्राओं की ख़ुदकुशी देशभर के माता-पिता के लिए बड़ी चिंता का विषय है। इस ओर गंभीर तरीके से ध्यान देने की आवश्यकता है कि, आखिर बच्चों पर पढ़ाई का बोझ इस कदर कैसे बढ़ रहा है, कि, उनको रास्ता दिखाने वाली शिक्षा के कारण वो मौत को गले लगा रहे हैं. इससे पहले आंध्र प्रदेश में 11वीं-12वीं की परीक्षा के बाद 9 छात्रों ने ख़ुदकुशी कर ली थी.

12वीं के रिजल्ट के बाद तेलंगाना में पहले भी हुए सुसाइड:-

परीक्षा के परिणाम जारी होने के मात्र 48 घंटे के भीतर छात्रों ने यह खौफनाक कदम उठाए थे. 12वीं के परिणाम के बाद तेलंगाना में पहली दफा नहीं है, जब स्टूडेंट्स ने बड़ी तादाद में सुसाइड किया है. इससे पहले दिसंबर 2021 में परीक्षा के परिणाम के बाद 6 स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया था. कोरोना महामारी के बाद, सभी को अस्थायी तौर पर इंटरमीडिएट सेकेंड यर में प्रमोट कर दिया गया था, और अक्टूबर में परीक्षा हुई, जिसमें 51 फीसदी स्टूडेंट फेल हो गए थे.

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