नई दिल्ली: इजराइल में नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज मंगलवार को कहा कि पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और मोदी की गारंटी की बात सिर्फ एक "जुमला" है, जबकि देश में असली मुद्दा बेरोजगारी का है। उन्होंने दावा किया कि महंगाई का भाजपा सरकार के पास कोई समाधान नहीं है।
उल्लेखनीय है कि, हमास के साथ जंग के बीच इजराइल ने फिलिस्तीनी कर्मचारियों को काम से हटा दिया है और भारतीय श्रमिकों की मांग की है। जिन्हे प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपए वेतन और रहने की व्यवस्था दी जाएगी। इसके लिए यूपी में कई लोग इजराइल जाने के लिए आगे भी आए हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने एक्स पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें इज़राइल जाने के लिए चल रहे भर्ती अभियान में लोग कतार में खड़े हुए थे।
इसको लेकर प्रियंका ने अपनी पोस्ट में लिखा कि, "अगर कहीं पर युद्ध के हालात हैं तो सबसे पहले हम अपने नागरिकों को वहाँ से बचाकर, वापस अपने वतन लाते हैं। लेकिन बेरोजगारी ने आज वो हाल कर दिया है कि देश की सरकार हजारों असहाय और मजबूर युवाओं को युद्धग्रस्त इजराइल जाकर ये खतरा उठाने से भी बचा नहीं रही है। इसी से पता चलता है कि चुनावों में 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी', 'सालाना दो करोड़ रोजगार' और 'मोदी की गारंटी' जैसी बातें सिर्फ जुमला हैं।''
उन्होंने लिखा कि, यहाँ, अपने देश में इन्हें रोजगार क्यों नहीं मिल रहा? ये लंबी-लंबी लाइनों में दो-दो दिनों से खड़े युवा क्या हमारे देश के बच्चे नहीं हैं कि हम इन्हें ख़ुशी से इतने भयानक युद्ध के बीच भेजने को तैयार हैं? गौर कीजिए, कितनी चालाकी से सरकार इसे देश के युवाओं का व्यक्तिगत मसला बना रही है! सरकार की इसमें क्या भूमिका है? भारत सरकार ने युद्धग्रस्त इजराइल को भारतीय युवाओं की बलि लेने की स्वीकृति किस आधार पर दी है? हमारे इन युवकों के जान-माल की रक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? भगवान न करे अगर किसी के साथ कोई दुर्घटना हो गई तो किसकी जिम्मेदारी होगी? आज भारत का असली मुद्दा बेरोजगारी-महंगाई है और भाजपा सरकार के पास इसका कोई हल नहीं है। देश के युवा अब ये बात समझ रहे हैं।
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