निर्भया वह नाम है जो भारत में महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों का एक चेहरा बन गया था. निर्भया काण्ड के बाद दिल्ली पूरे विश्व में रेप कैपिटल के रूप में बदनाम हो गया था. इस घटना के बाद रेप को रोकने के लिए और दुष्कर्मियों को कड़ी सजा दिलवाने के बड़े-बड़े दावे किए गए थे, लेकिन इसके उलट आज दिल्ली और देश में रेप के मामले बढ़ गए हैं. स्थिति और भी दयनीय है क्योंकि अब निशाना बच्चियों को बनाया जा रहा है.
दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ऐसा कानून बनाने की मांग की है, जिसमें कम से कम छोटी बच्चियों से बलात्कार के मामलों में 6 माह के अंदर अपराधी को सजा-ए-मौत मिले. हाल ही में जारी हुए एनसीआरबी के वर्ष 2016 के वार्षिक आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में बच्चों से दुष्कर्म के मामले बहुत बढ़ गए हैं. दिल्ली में हर दिन औसतन 3 बच्चियों के साथ बलात्कार हो रहा है. 2012 से 2014 के बीच महिलाओं के साथ 31,446 अपराध दर्ज किए गए, लेकिन उनमें से केवल 150 मामलों में ही सजाएं हुईं हैं.
स्वाति ने प्रधानमंत्री से फॉरेंसिक लैब की कार्यप्रणाली को बेहतर करने, फास्ट ट्रैक कोर्ट की संख्या बढ़ाने की अपील की है. साथ ही लिखा है कि दिल्ली में उच्चस्तरीय समिति का गठन हो जिससे महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर साथ मिलकर निर्णायक फैसले लिए जा सकें.
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