भोपाल: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में स्थित संजय गांधी टाइगर रिजर्व में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अथवा पेंच टाइगर रिजर्व से 50 गौर लाए जाने के बारे में कहा गया है। जी हाँ, मिली जानकारी के तहत यह निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में लिया गया है। आप सभी को बता दें कि हाल ही में प्रधान मुख्य वन संरक्षण (वन्य प्राणी) आलोक कुमार ने बताया कि, 'भारतीय वन्य जीव संरक्षण देहरादून द्वारा संजय टाइगर रिजर्व को वन्य प्राणी गौर की पुनस्र्थापन के लिए उपयुक्त पाया गया है।'
इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया है कि, 'गौर पुनस्र्थापना के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा तकनीकी अनुमति भी दी जा चुकी है।' आप सभी को पता ही होगा कि संजय टाइगर के वन क्षेत्रों में गौर की मौजूदगी के ऐतिहासिक साक्ष्य मिले हैं। यहां के वन क्षेत्रों में पिछले कई दशक से गौर की उपलब्धता नहीं है। वहीँ अब टाइगर रिजर्व सीधी में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व या पेंच टाइगर रिजर्व से प्रस्तावित 50 गौर लाए जाएंगे।
जी दरअसल इसके पहले कान्हा टाइगर रिजर्व से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में गौर लाए जाकर पुनस्र्थापित किए जा चुके हैं। आप सभी जानते ही होंगे कि जिन वन क्षेत्रों में वन्य प्राणियों की किसी दौर में मौजूदगी रही है वर्तमान में उन क्षेत्रों में वह वन्य प्राणी मौजूद नहीं है, इसके लिए पुनस्र्थापना का अभियान चलाया जाता है। कुछ समय पहले भी इस तरह के प्रयोग हुए है, ऐसे में पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहीन हो गया था, तब यहां बाघों का जोड़ा लाया गया था, अब पन्ना में बाघों की अच्छी खासी आबादी हो गई है।
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