नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण से मरने वाले वकीलों के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने ठुकरा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब सभी लोगों को ऐसी ही समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो वकीलों को स्पेशल ट्रीटमेंट देने की कोई वजह नहीं है. शीर्ष अदालत ने इस याचिका को दाखिल करने वाले वकील पर दस हजार का जुर्माना भी लगाया है.
अदालत ने याचिकाकर्ता वकील प्रदीप यादव को जमकर लताड़ लगाई है. अदालत ने कहा कि जब समाज के अन्य सदस्यों को समान समस्या का सामना करना पड़ा है, तो वकील को अपवाद बनाने का कोई कारण नहीं है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यदि आप याचिका कॉपी पेस्ट करके देंगे तो ऐसा नहीं होगा कि जज उस कॉपी को नहीं पढ़ेंगे. यह कहते हुए जज ने वकील प्रदीप यादव पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता को जुर्माने की राशि एक सप्ताह के अंदर-अंदर जमा करनी होगी. वकील प्रदीप यादव ने अपनी याचिका में यह निर्देश देने की मांग की थी कि कोरोना संक्रमण या किसी अन्य कारण से मरने वाले 60 साल से कम उम्र के वकीलों के परिवार के सदस्य को तत्काल प्रभाव से 50 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाए.
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