नई दिल्ली: देश में 2000 रुपये के नोट को प्रचलन से बाहर करने के ऐलान के बाद से अभी तक भारत सरकार के पास आधे यानी 50 फीसद नोट वापस लौट चुके हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज गुरुवार (8 जून, 2023) को इस संबंध में जानकारी दी है कि 1.80 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से वापस आ चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि अंतिम समय पर जल्दबाजी और भागदौड़ से बचने के लिए पहले ही अपने नोट बैंक में डिपाजिट करवा दें।
शक्तिकांत दास ने कहा कि इस साल 31 मार्च तक कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2000 रुपये के नोट बाजार में थे। उन्होंने कहा कि, 'ऐलान के बाद अबतक 1.80 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ चुके हैं।' इसके साथ ही RBI गवर्नर ने कहा कि 2000 रुपये के लगभग 85 फीसदी नोट बैंक खातों में जमा किए जा रहे हैं, जबकि बाकी नोटों को छोटे मूल्य वर्ग के नोटों से बदला जा रहा है। दास ने गत माह ने कहा था कि 2000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने के फैसले का इकॉनमी पर बहुत सीमित असर पड़ेगा।
चलन में मौजूद कुल करेंसी में 2,000 के नोट का हिस्सा केवल 10.8 फीसदी है। उन्होंने कहा कि 2016 में नोटबंदी के बाद नकदी की किल्लत की भरपाई के लिए 2000 रुपये का नोट लाया गया था। उन्होंने यह भी कहा था कि जिस किसी के पास 2000 रुपये का नोट है, वह उसे अपने बैंक खाते में जमा कर सकता है या किसी अन्य मूल्य की मुद्रा से बदल सकता है। बैंकों को 2 000 रुपये का नोट बदलने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि, 'हमें उम्मीद है कि 30 सितंबर की समयसीमा तक 2000 रुपये के अधिकतर नोट वापस हो जाएंगे।'
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