देहरादून: समाज कल्याण विभाग में 500 करोड़ का घपला हुआ तथा अधिकारी यह कहें कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बोलना है समाज कल्याण मंत्री चंदन रामदास का। मंत्री ने शनिवार को सहायक समाज कल्याण अफसरों के प्रांतीय अधिवेशन में कुछ अधिकारीयों के यह कहे जाने पर कि छात्रवृत्ति घपले में विभाग के अधिकारीयों की कोई गलती नहीं है। इसके लिए योजना का लाभ लेने वालों को भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए इसके जवाब में यह बात कही।
समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि राज्य नेतृत्व ने समाज कल्याण विभाग के तौर पर उन्हें महत्वपूर्ण विभाग दिया। उनमें काम की बहुत ललक थी, मगर विभाग में मिला क्या छात्रवृत्ति घपला। किसी अफसर की विजिलेंस जांच कराओ, किसी की एसटीएफ से जांच कराओ। मंत्री ने कहा कि एक दिन तो उन्होंने कह दिया कि अफसर 3 बार जेल जा चुका है अब चौथी बार उसे किस जेल में भेजोगे। मंत्री ने कहा कि कई बड़े संस्थान निर्धन बच्चों का पैसा डकार गए।
समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि 50 वर्ष से कम उम्र के लोग भी वृद्धावस्था पेंशन ले रहे हैं, उन्हें इस प्रकार के लोगों की सूची प्राप्त हुई है। प्रकरण संज्ञान में आया है, इसकी जांच कराई जाएगी। कुछ लोग आयु कम कर पेंशन लें रह़े हैं। समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि विभाग में विशेष मात्राकरण योजना का बीते 10 वर्ष से मूल्यांकन नहीं हुआ। 17 अक्टूबर को प्रदेश स्तर पर इसका मूल्यांकन किया जाएगा। इस मीटिंग में सचिव स्तर से नीचे के अफसर सम्मिलित नहीं होंगे। समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि पीएम आदर्श ग्राम योजना के तहत तीन वर्षों में सिर्फ 10 प्रतिशत धनराशि खर्च हुई है। योजना के तहत केंद्र सरकार से रुपया मिलता है। जो तय वक़्त पर खर्च नहीं होगा तो आगे कैसे पैसों की मांग की जाएगी।
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