हिन्दू धर्म में बहुत से देवी देवता है जिनमे से ब्रम्हा, विष्णु और महेश प्रमुख है. इन सभी देवताओं का अपना अलग अलग महत्व है. जिसमे महेश यानी भगवान शिव को कई नामों से जाना जाता है एक नाम इनका महाकाल भी है जिसके कारण इन्हें विनाश का देवता भी माना जाता है. जो की स्रष्टि से सभी बुराइयों का अंत करके पुनः नवनिर्माण करते है.भगवान् शिव के ऐसे तो भारत में बहुत से मंदिर है. आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के विषय में बताने वाले है जो भगवान शिव के अस्तित्व का प्रतीक माना जाता है.
मंदिर का इतिहास
यह मंदिर गुजरात राज्य के मोसाद के आपस स्थापित है इस मंदिर के शिवलिंग का इतिहास 5000 वर्ष पुराना है 1940 में यह मंदिर खुदाई करते समय मिला था इस मंदिर के साथ और भी कई चीजे खुदाई में मिली थी.
जलेश्वर महादेव मंदिर
यह मंदिर गुजरात के नर्मदा जिले के पास देडियापाडा तहसील के पास कोकम गाँव में स्थित है भगवान् शिव का यह मंदिर पूरना नदी के तट पर होने के कारण इस मंदिर को जलेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है.यहाँ पर पूरना नदी पूर्व दिशा की और प्रवाहित होती है इसलिए इस नदी को पूर्वा नदी भी कहते है.
विशेष पूजा
प्रत्येक महाशिवरात्रि को जलेश्वर महादेव मंदिर में विशेष पूजा की जाती है एवं हर सोमवार यहाँ भक्तों की भीड़ जमा होती है जो जलेश्वर महादेव मंदिर में भगवान् शिव के दर्शन के लिए एकत्र होती है. इस मंदिर का इतिहास इतना पुराना होने के बाद भी बहुत से लोगों की इस मंदिर के विषय में ज्यादा जानकारी नहीं हैइसी कारण से कम ही लोग यहाँ दर्शन के लिए आते है.
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