बंगलुरु: तीसरी लहर की आशंका के बीच कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू में कोरोना ने खतरनाक रूप अख्तियार कर लिया है। आंकड़ों की बात की जाए तो 1 से 11 अगस्त के बीच अकेले बंगलूरू में ही 543 बच्चों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इन सभी की आयु 0 से 19 वर्ष के बीच है। इस बीच अपने अधिकारिक दौरे से लौटे मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को विशेषज्ञों के साथ आपात बैठक बुलाई है।
उल्लेखनीय है कि, विशेषज्ञों की राय के बाद ही सीएम बोम्मई ने कर्नाटक में स्कूलों को खोले जाने का आदेश पारित किया था। किन्तु, विकराल होते कोरोना के मद्देनज़र इस बैठक में कई कड़े फैसला लिए जा सकते हैं। वहीं, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका की तरफ से जारी किए गए बयान में बताया गया है कि जिन 543 बच्चों व युवाओं में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। उनमें से अधिकतर में कोरोना के या तो हल्के लक्षण हैं या फिर लक्षण ही नहीं है।
उधर, वैज्ञानिक, इसे बड़ा खतरा मान रहे हैं। क्योंकि, बगैर लक्षणों के कोरोना बच्चों व युवाओं पर आक्रमण कर रहा है। इससे तीसरी लहर की आशंका भी बढ़ती जा रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तीसरी लहर में बच्चों व युवाओं को अधिक सुरक्षित रहने की आवश्यकता है। हालांकि, इसके पीछे कोई वैज्ञानिक तथ्य सामने नहीं आए हैं। मगर, दूसरी लहर के दौरान बच्चे व युवा ही सबसे अधिक कोरोना मरीजों के संपर्क में आए हैं।
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