जिस टेक्नोलॉजी के बारे में अगले कुछ सालों से सबसे ज्यादा बात की जा रही है उसमें 5G टेक्नोलॉजी शामिल है. पिछले 2 साल से हम इस टेक्नोलॉजी के बारे में बात कर रहे हैं. कुछ देशों में 5G सेवा को व्यावसायिक तौर पर रोल आउट कर दिया गया है. दक्षिण कोरिया में 5G सेवा को सबसे पहले व्यावसायिक तौर पर रोल आउट किया गया है. भारत में भी इस सर्विस की टेस्टिंग शुरू की जा सकती है. ऐसे में स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां इस नई टेक्नोलॉजी को ध्यान में रखते हुए अपने स्मार्टफोन्स भी डिजाइन कर रहे हैं. जैसा कि हमने देखा है कि 4G सर्विस के आने के बाद यूजर्स ज्यादा डाटा खपत करने लगे. जिसके बाद स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां ज्यादा पावरफुल बैटरी के साथ अपने स्मार्टफोन्स लॉन्च करने लगे हैं. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से
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ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने के लिए इस साल Realme 5 Pro, Vivo Z1 Pro, Vivo Y सीरीज समेत कई स्मार्टफोन्स को 5,000 mAh की दमदार बैटरी के साथ लॉन्च किया जा चुका हैं. साथ ही Samsung जल्द ही अपने M सीरीज के अगले स्मार्टफोन को 6,000 mAh की दमदार बैटरी के साथ लॉन्च कर सकता है. अब तक लॉन्च हुए इन सभी स्मार्टफोन्स में Lithium-ion बैटरी का इस्तेमाल किया जाता रहा है. 5G आने के बाद स्मार्टफोन यूजर्स और ज्यादा डाटा का इस्तेमाल करने लगेंगे. ऐसे में 5G स्मार्टफोन्स में और ज्यादा दमदार बैटरी की जरूरत हो सकती है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 5G स्मार्टफोन्स में यूजर्स PUBG, Apex Legends जैसे हाई ग्राफिक्स गेम्स को आसानी से खेल सकते हैं. ये गेम्स हाई ग्राफिकल डिमांड्स की वजह से बैटरी की खपत बढ़ाते हैं. आज भी 87 फीसद यूजर्स स्मार्टफोन्स बैटरी की कैपेसिटी को देखकर खरीदते हैं. हाल के दिनों में हमने VOOC, SuperVOOC, QuickCharge, Dash Charging जैसे फास्ट चार्जिंग वाले चार्जर देखे हैं. बैटरी और स्मार्टफोन के पावर को और बेहतर बनाने के लिए OEM (ऑरिजिनल इक्वीपमेंट मैन्युफैक्चरर्स) काम कर रहे हैं. इस समय Li-ion का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे फुल चार्ज करने पर आपको 10-12 घंटे का टॉक टाइम मिल जाता है. साथ ही लगातार डाटा इस्तेमाल करने पर ये 4-6 घंटे में डिस्चार्ज हो जाता है. आने वाले समय में Graphene मैटेरियल से बनी बैटरी वाले स्मार्टफोन्स देखने को मिल सकते हैं, जो Li-ion बैटरी से ज्यादा दमदार साबित हो सकते हैं.पिछले दिनों आई खबर के मुताबिक, दक्षिण कोरियाई कंपनी Samsung इस मैटेरियल से बनी बैटरी को अपने आने वाले स्मार्टफोन्स में इस्तेमाल कर सकती है.
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