जयपुर: राजस्थान की सियासत में फिर से हलचल दिख रही है। यहाँ, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) छोड़कर कांग्रेस में आए छह MLA, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे हैं। उनका कहना है कि गहलोत ने सभी को मंत्री बनाने का वादा किया था, मगर पूरा नहीं किया। सिर्फ राजेंद्र सिंह गुढ़ा को ही मंत्री पद दिया गया। दो विधायकों को सरकार में कोई स्थान ही नहीं मिला, जबकि दो विधायकों लाखन सिंह और जोगिंदर सिंह अवाना को सियासी पोस्ट तो मिली, लेकिन सुविधाएं नहीं।
मीडिया से बात करते हुए राजस्थान के मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर सैनिक कल्याण, पंचाय़ती राज, रूरल डेवलपमेंट और होमगार्ड राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने बताया है कि गहलोत ने जो वादा किया था वो उस पर खरे नहीं उतरे। 2009 में भी उन लोगों ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। उस समय 6 में से तीन विधायकों को मंत्री पद दिया गया, जबकि तीन को संसदीय सचिव बनाया गया। राजेंद्र सिंह गुढ़ा का दर्द ये भी है कि 2009 में जब उन्होंने बसपा से बगावत की, तो वे विधायक दल के नेता थे, जबकि रमेश मीणा बसपा के MLA। आज रमेश मीणा कैबिनेट मंत्री बन चुके हैं, जबकि वो मीणा के ही मातहत राज्य मंत्री का काम देख रहे हैं।
बावजूद इसके कि जब सचिन पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ विद्रोह किया था, तो मीणा उनके साथ मानेसर गए थे। जबकि, गुढ़ा तब जयपुर में रहकर गहलोत सरकार को मजबूती दे रहे थे। उनका कहना है कि गहलोत साहेब ने कहा था, पर बातें लागू तो नहीं हो पा रही हैं। उनका कहना है कि वो कांग्रेस कल्चर से नहीं हैं। वो बसपा के टिकट पर निर्वाचित हुए हैं, किन्तु कांग्रेस ने सभी छह विधायकों को सियासी पोस्टिंग देने के साथ ही विधायक का टिकट भी देने का वादा किया था। अब सभी के भीतर असुरक्षा की भावना है।
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