इस्लामाबाद: श्रीलंकाई नागरिक प्रियंथा कुमारा (Priyantha Kumara Lynching case) को जिंदा जलाकर मार डालने के मामले में पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत (ATC) ने सोमवार (18 अप्रैल 2022) को 89 आरोपितों को दोषी ठहराते हुए 6 को मौत की सजा (Death sentence) सुनाई और 9 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी। बाकी के 72 कातिलों को भी 2-2 वर्ष जेल की सजा सुनाई गई है। एक अन्य को पाँच वर्ष की जेल हुई, जबकि एक को बरी कर दिया गया है।
पंजाब अभियोजन विभाग के सचिव नदीम सरवर ने लाहौर में एक प्रेस वार्ता करते हुए कोर्ट के फैसले के बारे में जानकारी दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपियों को मृतक प्रियंथा के कानूनी वारिसों को दो लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया गया है। वहीं आजीवन कारावास की सजा पाने वाले दोषियों पर कोर्ट ने दो-दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि इस मामले की सुनवाई ATC अदालत की न्यायमूर्ति नताशा नसीम ने की।
सरवर के अनुसार, अभियोजन पक्ष ने सभी आरोपितों के खिलाफ जुर्म को साबित करने के लिए अदालत में 43 गवाहों को पेश किया गया। इसके साथ ही मामले में गवाहों की गवाही को फास्ट ट्रैक तरीके से एक माह में पूरा किया गया। अदालत ने आरोपितों अपना बचाव करने के लिए भी वक़्त दिया। 12 मार्च 2022 को मामले में आरोप तय किए गए। बाद में सोमवार (18 अप्रैल) को ATC ने 88 दोषियों को सजा सुनाई।
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