शिमला: हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक रस्साकशी जारी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं को योद्धा बताते हुए 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा करने के दावे कर रहे हैं, शिमला से दिल्ली तक नंबरगेम एवं सरकार बचाने के मार्गों पर मंथन का दौर चल रहा है। विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफा वापस लेने की खबरें आईं तथा यह तक कहा जाने लगा कि शायद अब सुक्खू सरकार का संकट टल जाए।
विक्रमादित्य के इस्तीफे को लेकर फिर यह बताया गया कि इसे स्वीकार नहीं किया गया है। मान-मनौव्वल का दौर जारी है, सभी विकल्पों पर विचार जारी है तथा इन सबके बीच मुख्यमंत्री आवास में नाश्ते पर सुक्खू सरकार का गणित फिर बिगड़ गया है। कांग्रेस की लाइन से हटकर भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 MLA पहले से ही हरियाणा के पंचकूला में डेरा डाले हुए हैं। कांग्रेस के इन सभी बागियों पर स्पीकर ने एक्शन ले लिया है। स्पीकर ने इन सभी को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया है। वही एक ओर एक्शन तो दूसरी ओर बातचीत के माध्यम से संकट का समाधान तलाशने के प्रयास में भी कांग्रेस जुटी हुई है। अब मुख्यमंत्री सुक्खू की ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स से भी विक्रमादित्य सहित 4 विधायकों ने किनारा कर लिया है।
हिमाचल में बिगड़ते नंबरगेम के बीच कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को मुख्यमंत्री आवास में नाश्ते पर बुलाया था। बताया जाता है कि कांग्रेस के 4 MLA विक्रमादित्य सिंह, मोहन लाल, नंद लाल एवं धनिराम ने मुख्यमंत्री आवास में आयोजित नाश्ते से किनारा कर लिया। ये 4 MLA मुख्यमंत्री आवास में आयोजित नाश्ते पर नहीं पहुंचे। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के 48 घंटे के अंदर ही स्पीकर ने 6 विधायकों पर एक्शन ले लिया है। स्पीकर ने इन सभी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया है। इसके साथ-साथ अब सदन की स्ट्रेंथ 62 हो गई है। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा भी 32 पर आ गया है।
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