नई दिल्ली: मंगलवार को लोकसभा में स्पष्ट किया गया कि सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत हर साल औसतन 60 लाख नए जॉब कार्ड जारी करती है, जिनमें से कुछ को हटाने का काम विशिष्ट मापदंडों के आधार पर किया जाता है। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने इस बात पर जोर दिया कि जॉब कार्डों को आधार से जोड़ने से पारदर्शिता बढ़ती है और उन्होंने कार्ड हटाने में केंद्र सरकार की किसी भूमिका से इनकार किया।
पेम्मासानी कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने दावा किया था कि पिछले चार सालों में 10.43 करोड़ से ज़्यादा मनरेगा मज़दूरों के नाम हटा दिए गए। वेणुगोपाल ने आगे पूछा कि क्या ये नाम आधार-सीडिंग की ज़रूरतों से जुड़े थे।
मंत्री ने बताया कि 99% मनरेगा जॉब कार्डधारकों ने अपने कार्ड को आधार से लिंक कर लिया है, जिसका उद्देश्य योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। पेम्मासानी ने प्रश्नकाल के दौरान कहा, "आधार-सीडिंग कोई बाधा नहीं है, बल्कि जवाबदेही बढ़ाने का एक साधन है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि जॉब कार्ड पांच प्राथमिक कारकों के आधार पर हटाए जाते हैं:
नकली या डुप्लिकेट कार्ड का पता लगाना।
एक पंचायत से दूसरी पंचायत में जाने वाले व्यक्ति।
जॉब कार्डधारक की मृत्यु।
व्यक्ति स्वेच्छा से योजना से बाहर निकल रहे हैं।
ग्रामीण से शहरी वर्गीकरण में परिवर्तित हो रहे क्षेत्र।
पेम्मासानी ने रेखांकित किया कि इन विलोपनों की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है, तथा उन्होंने दोहराया कि "जॉब कार्ड विलोपन में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है।"
औसतन, उपरोक्त कारणों से सालाना 30 लाख जॉब कार्ड हटा दिए जाते हैं। मंत्री के अनुसार, वर्तमान में इस योजना के तहत कुल 13-14 करोड़ जॉब कार्ड जारी किए गए हैं, जिनमें से लगभग 9.2 करोड़ सक्रिय हैं। मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ग्रामीण विकास बजट का 57% मनरेगा को आवंटित किया जाता है, जो ग्रामीण रोजगार को समर्थन देने में इसके महत्व को दर्शाता है। उन्होंने इस योजना के माध्यम से पारदर्शिता बनाए रखने और ग्रामीण श्रमिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
ईसाई बनने से किया इंकार, तो महिला को जंजीरों में बाँधा, इतना प्रताड़ित किया कि...
जामा मस्जिद का सर्वे कराने से क्यों डर रहा मुस्लिम पक्ष? कोर्ट में उठा सवाल
मुहम्मद जुबैर की सुनवाई से अलग हुए HC के दो जज, कभी 'अतीक' का भी...